Congress President: क्या अशोक गहलोत होंगे कांग्रेस के अगले अध्यक्ष?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 16, 2022, 06:26 PM IST

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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम चर्चा में है, उन्हें राजनीतिक का जादूगर कहा जाता है. बेहतरीन है राजनीतिक कौशल.

डीएनए हिंदीः भारत में सबसे पुरानी पार्टी का तमगा पाए हुए कांग्रेस (Congress) पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश है. लंबे समय से कांग्रेस में एक धड़ा काफी समय से राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व में परिवर्तन चाहता है. वहीं एक पक्ष का कहना है कि गांधी परिवार के नेतृत्व में ही कांग्रेस एकजुट होकर रह सकती है. फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) पद पर सोनिया गांधी बनी हुई हैं. इसी बीच एक नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे नजर आ रहा है.

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के एक बड़े नेता, जो इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी की कैबिनेट के सदस्य भी रहे हैं अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम सामने आ रहा है. वर्तमान समय में ये नेता गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी यानी राहुल गांधी के साथ मिलकर सियासत के नए दावपेंच चल रहे हैं. राहुल गांधी भी इन पर अपना भरोसा जता चुके हैं.

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अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे

गहलोत के नाम की चर्चा अध्यक्ष पद के लिए सबसे तेज है. गहलोत फिलहाल राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले भी अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. गहलोत ने लोकसभा चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस की तीन अलग-अलग सरकारों में केंद्रीय मंत्री का जिम्मा संभाला है. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार में भी अशोक गहलोत मंत्री बने थे. सीएम गहलोत को साफ छवि का नेता माना जाता है. गहलोत की साफ छवि के चलते वो विवादों से भी दूर रहे हैं. गहलोत को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है. इस बार उन्होंने फिर से विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्थान (Rajasthan) के तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.

कांग्रेस के खेवनहार हैं अशोक गहलोत

राजस्थान (Rajasthan) के गांधी कहे जाने वाले अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कांग्रेस के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. गहलोत के पिता एक जादूगर थे. आज भी गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है. गहलोत ने छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ा लेकिन बुरी तरह हार गए थे. लेकिन आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सेनापति है. कहा जाता है कि गहलोत राहुल गांधी को बचपन में जादू दिखाया करते थे. आज वही एक ऐसे समय में उनकी पार्टी का एक राज्य का मुख्यमंत्री होते हुए भी राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर रहे हैं जब ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा लग रहा है. ये अपने राजनीतिक कौशल से सियासी पैंतरेबाजी करते हुए उस राज्य के सीएम बने, जहां क्षत्रियों, जाटों और ब्राह्मणों का वर्चस्व रहता आया है. गहलोत ने 70 के दशक में राजस्थान (Rajasthan) में एनएसयूआई (NSUI) का नेतृत्व किया और संगठन को मजबूत करने की उनकी यही काबिलियत उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के पास लाई. गहलोत ने एनएसयूआई (NSUI) से लेकर राजस्थान कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनने तक संगठन और प्रदेश में अपनी पैठ इतनी मजबूत कर ली कि हर विधानसभा में हजारों की संख्या में उनके अपने समर्थक हैं. पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी मिलने के बाद गहलोत ने गुजरात में जमकर काम किया. गहलोत त्योहार के समय भी गुजरात में ही डेरा डाले रहते थे. उन्होंने कांग्रेस के लिए डोर टू डोर प्रचार भी किया. शायद उनकी इसी खूबी वजह से उन्हें कार्यकर्ताओं का नेता और नेताओं में कार्यकर्ता कहा जाता है. अपनी काबिलियत के बल पर ही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) केंद्र सरकार में मंत्री रहे और अब तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. 

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इस खास वजह से चर्चा में आया नाम

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) का नाम एक खास वजह से चर्चा में है. हाल ही में नेशनल हेराल्ड केस (national herald case) में ईडी राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. इस पूछताछ के विरोध में कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देशभर में प्रदर्शन कर रही है. गांधी परिवार इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है ऐसे समय में उनके समर्थन में दिल्ली में हो रहे विरोध-प्रदर्शन का मुख्य रूप से नेतृत्व सीएम अशोक गहलोत ही कर रहे हैं. दिल्ली में पूरी रणनीति सीएम अशोक गहलोत के इशारों पर बन रही है, जो साफ दिखाता है कि इस समय गांधी परिवार को सबसे ज्यादा विश्वास अगर किसी पर है तो वो हैं अशोक गहलोत. कांग्रेस को भरोसा है कि गहलोत अपने पुराने अनुभव और राजनीति कौशल से ऐसी विषम परिस्थितियों से मुकाबला कर सकते है. इसी कारण चर्चा है कि अगर गांधी परिवार से बाहर कोई कांग्रेस का अध्यक्ष बनता है तो अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है.

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