डीएनए हिंदीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देर रात मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. ईडी (ED) ने सोमवार देर रात दिल्ली (Delhi) सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) के आवास पर छापेमारी की. मामला हवाला कारोबार से जुड़ा है. इसी आरोप में सत्येंद्र जैन को 9 जून तक के लिए जेल भेज दिया गया था. ईडी (ED) ने जैन से जुड़े दिल्ली और गुरुग्राम के कई अन्य टिकानों पर भी छापेमारी की है.
30 मई से जेल में हैं सत्येंद्र जैन
ईडी (ED) ने मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) से पूछताछ के बाद 30 मई को गिरफ्तार किया था. स्पेशल कोर्ट के आदेश पर जैन को 9 जून तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था. ईडी (ED) की जांच में सामने आया था कि मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला लेनदेन में शामिल थे। ईडी ने 4.81 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क किया था. जिसके कुर्क किए जाने के करीब 2 महीने बाद मंत्री की गिरफ्तारी हुई है.
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16 करोड़ के भ्रष्टाचार का है आरोप
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की परेशानियां कम होना का नाम नहीं ले रही हैं. हालांकि केजरीवाल आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर मंत्री पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर रहे हैं. मंत्री को केजरीवाल का खास माना जाता है. ईडी ने 30 मई को जैन को मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में गिरफ्तार किया है. केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सवाल उठाया था और पूछा था कि - क्या यह सत्य है कि सत्येंद्र जैन ने खुद इनकम डिस्क्लोजर 2016 के तहत घोषणा की थी कि वे 16.39 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं? इसके लिए माध्यम बने अंकुश जैन और वैभव जैन। क्या यह सच है कि मुख्य आयकर आयुक्त ने इस बात को खारिज कर दिया कि 16.39 करोड़ रुपये के असली मालिक न तो अंकुश जैन थे और न ही वैभव जैन, बल्कि सत्येंद्र जैन खुद इस काले धन के मालिक थे?
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