हरियाणा में Sex ratio में हो रहा सुधार, टॉप पर फतेहबाद, गुरुग्राम में 2% की बढ़ोतरी, देखें आंकड़े

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 10, 2022, 05:45 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

Sex Ratio in Haryana: केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में राज्य का लिंगानुपात 876 था, जो 2022 में बढ़कर 916 हो गया है.

डीएनए हिंदी: हरियाणा में अब धीरे-धीरे लिंगानुपात (Sex Ratio) में सुधार होने लगा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल राज्य में खूब बेटियां जन्मी हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हरियाणा का लिंगनुपात (एसआरबी) 916 पहुंच गया है. मतलब 1,000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या 916 हो गई है. पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष राज्य में 4 लड़कियां ज्यादा पैदा हुई हैं. 2021 में यह रेश्यो 914 था. राज्य में पहले स्थान पर फतेहाबाद जिला है, यहां लिंगानुपात 968 पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी बेटियां रास आने लगी हैं. 

स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गुरुग्राम में लिंगानुपात में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यहां एसआरबी 925 पहुंच गया है, जो पिछले साल 908 था. जिले में बेटियों को लेकर लोग गंभीर नजर आने लगे हैं. अधिकारियों का कहना है कि एसआरबी में वृद्धि के पीछे केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और लिंग के जन्मपूर्व निदान के खिलाफ जिले द्वारा चलाया गया अभियान है.

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PC-PNDT एक्ट के तहत 35 केस दर्ज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र यादव ने कहा कि शहर में हमने इस साल प्री-कॉन्सेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक अधिनियम के तहत 35 मामले दर्ज किए. पीसी-पीएनडीटी (पूर्व गर्भाधान और पूर्व निदान तकनीक) एक्ट के तहत 2022 में ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. 2021 में कुल 21 केस PC-PNDT एक्ट के तहत दर्ज किए गए थे. जबकि 2020 में 14 और 2019 में सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, राज्य में जिलेवार SRB के परिणाम अलग-अलग हैं. हरियाणा के कुल 22 जिलों में से 10 में लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है.

Sex ratio में टॉपर 5 जिले

2022 में इन जिलों का रहा खराब प्रदर्शन

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आपको बता दें कि हरियाणा को सबसे खराब लिंगानुपात वाले राज्यों में गिना जाता है. 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 919 के राष्ट्रीय औसत की तुलना में सबसे कम बाल लिंगानुपात 834 था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में एसआरबी में लगातार सुधार देखा जा रहा है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में राज्य का लिंगानुपात 876 था, जो 2016 में बढ़कर 900 हो गया. उसके बाद 2017 में 914 और 2019 में SRB बढ़कर 923 हो गया. लेकिन 2020 बेटी के जन्म में कमी आई और एसआरबी गिरकर 922 रह गया. 

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