डीएनए हिंदी: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को लखीमपुरी खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने आशीष मिश्रा को कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है. मामले में अगली सुनवाई पर भी बहस जारी रहेगी.
बता दें कि कोर्ट में मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता की ओर से सोमवार को सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि मामले में जांच के बाद कुछ धाराएं बढा दी गई थीं और बढ़ी हुई धाराओं में सत्र अदालत में जमानत अर्जी दाखिल किए बगैर अभियुक्त ने सीधा हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल कर दी है.
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8 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
हालांकि अभियुक्त द्वारा इस आपत्ति का विरोध करते हुए कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 439 में जमानत के संबंध में सत्र अदालत व हाईकोर्ट को समान अधिकार प्राप्त है. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है. मामले में अगली सुनवाई पर भी बहस जारी रहेगी. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर पारित किया.
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थी जमानत
गौरतलब है कि 10 फरवरी को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आशीष मिश्रा की याचिका को मंजूर करते हुए, उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. बाद में जमानत मंजूर किए जाने के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले के वादी पक्ष ने चुनौती दी थी, जिसके बाद न्यायालय ने 10 फरवरी के आदेश को निरस्त करते हुए, वादी पक्ष को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देते हुए मामले को दोबारा सुने जाने का निर्देश हाई कोर्ट को दिया था. इस दौरान इसी मामले में अभियुक्त बनाए गए अंकित दास, लवकुश, सुमित जायसवाल व शिशुपाल की जमानत याचिकाएं उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है.
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