डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में हुई हिंसा को लेकर कई खुलासे हुए हैं. कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. हिंसा को भड़काने के आरोप में बाबा बिरयानी के मालिक मुख़्तार बाबा को गिरफ्तार किया गया है. मुख़्तार बाबा पर क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) करने का भी आरोप है.
जानकारी के मुताबिक कानपुर (Kanpur) के बेकनगंज थाना क्षेत्र के नई सड़क इलाके में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी. इस हिंसा के मामले में कोर्ट ने क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) के आरोप में बाबा बिरयानी के मालिक मुख़्तार बाबा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. आरोपी बाबा ने एसआईटी (SIT) की पूछताछ में हिंसा को लेकर कई खुलासे किये हैं. आरोपी ने क्राउड फंडिंग के बारे में कहा है कि पत्थरबाजों को 500 से 1000 रुपये लेकर बुलाया गया था. मुख़्तार बाबा ने पुछताछ में यह भी कबूल किया है कि हिंसा की साजिश उसी की दुकान बाबा बिरयानी पर रची गई थी.
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हिंसा का लाइव तांडव देख रहा था आरोपी
एसआईटी (SIT) जांच टीम के प्रभारी संजीव त्यागी की पूछताछ में आरोपी मुख्तार बाबा ने कई राज उगले हैं. आपको बता दें कि कानपुन (Kanpur) में हिंसा फैलाने के लिए बड़ी प्लानिंग हुई थी. हिंसा की साजिश बाबा बिरयानी पर पहले ही रची जा चुकी थी. हिंसा को विकराल रूप देने के लिए एक दर्जन से ज्यादा युवाओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं थीं. एसआईटी (SIT) की पूछताछ में उसने कई और आरोपियों के नाम सामने रखे हैं. जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, इस खुलासे में कहा गया है कि जिस समय बवाल मच रहा था उस समय आरोपी वीडियो कॉल पर उपद्रव को लाइव (LIVE) देख रहे थे.
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बैंक से धोखाधड़ी कर बना करोड़पति, बैंक मैनेजर जांच के घेरे में
एसआईटी (SIT) की जांच में आरोपी मुख्तार बाबा के करोड़पति बनने का भी राज खुला है. जानकारी के मुताबिक क्राउड फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार हुआ मुख़्तार बाबा पहले साइकिल पंचर और ब्रेड की दुकान चलाता था. लेकिन अचानक से वह करोड़पति बना गया था. अब जांच में सामने आया है कि बैंक के एक पूर्व मैनेजर ने धोखाधड़ी कर मुख्तार बाबा को करोड़पति बनाया था. बैंक मैनेजर पर आरोप है कि उसने नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से सरकारी खजाना लुटाया था. इस मामले में बैंक मैनेजर की सेवा समाप्त कर दी गई थी. बर्खास्त होने के बाद बैंक मैनेजर मुख़्तार बाबा के साथ उसके दो नंबर के कारोबार में शामिल हो गया था. इसी कारण बैंक मैनेजर भी एसआईटी की रडार में आ गया है.
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