डीएनए हिंदी: राजस्थान के कोटा में एक प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल (English Medium School) की बुक में उर्दू केरेक्टर्स होने पर बवाल हो गया. आरोप है कि गैर मुस्लिम छात्रों को 'अम्मी-अब्बू' बोलना सिखाया जा रहा है. बजरंग दल ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई है. यह बुक सीबीएसई (CBSE) एफिलेटेड इंग्लिश मीडियम स्कूल की क्लास 2 की किताब बताई जा रही है.
बताया जा रहा है कि किताब के पहले चैप्टर में मदर (Mother) की जगह 'अम्मी' और फादर को 'अब्बू' लिखा गया है. किताब के अगले चैप्टर में सवाल पूछा गया कि 'आप घर पर अपनी भाषा में पेरेंट्स और ग्रांडफादर को क्या बुलाते हैं? वहीं, किताब के दूसरे चैप्टर में 'ग्रांडपा फारूक'स गार्डन (दादाजी फारूक का बगीचा)' शीर्षक दिया गया है जिसमें मुस्लिम चरित्र आमिर और उनके दादा फारूक को दर्शाया गया है.
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बजरंग दल ने शिक्षा विभाग से की शिकायत
बजरंग दल का कहना है कि उनके पास परिजनों ने नाराजगी जताते हुए स्कूल में पढ़ाई जा रही इस किताब की जानकारी दी है. बजरंग दल ने इस मामले की शिकायत शिक्षा विभाग से की है और शिक्षा के इस्लामीकरण के प्रयासों का आरोप लगाया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किताब के पेज
उन्होंने कहा कि किताब के तीसरे चैप्टर में जिराफ का नाम Hyena रखा है जबकि चौथे के 20वें पेज में बताया गया कि पैरेंट्स किचन में हैं जो बिरयानी बना रहे हैं. छठे चैप्टर के 46 नंबर पेज पर शेर को शेरखान करेक संबोधित किया गया है. आरोप है कि किताब में ज्यादातर उर्दू शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. इस किताब के कुछ पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
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