UP: युवक की दर्द भरी कहानी सुन एआरटीओ को आयी ममता, खुद भरा युवक का चालान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 16, 2022, 10:20 AM IST

सांकेतिक तस्वीर

महाराजगंज में एआरटीओ ने आर्थिक रूप से कमजोर युवक की सहायता करते हुए भरा 24, 500 का चालान, इंश्योरेंस भी कराया. भविष्य में भी मदद करने को कहा.

डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के महाराजगंज (Maharajganj) से मानवता की मिसाल पेश करती एक खबर सामने आयी है. जहां युवक की लाचार हालत देख एआरटीओ (ARTO) की आंखों में आंसू आ गए. घटना के मुताबिक एआरटीओ ने आर्थिक रूप से कमजोर युवक की मदद करते हुए भविष्य में भी हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.   

अन्दर तक झकझोर देने वाली इस घटना में एआरटीओ (ARTO) ने मां का मंगलसूत्र बेचकर चालान भरने पहुंचे युवक की दर्द भरी दास्तां सुनकर मदद करने का फैसला किया. जानकारी के मुताबिक युवक के पिता ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं. कुछ दिन पहले ऑटो का 24, 500 का चालान कट गया था. चालान की रकम चुकाने के लिए उसके पिता के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं. उसके पिता ने मां का मंगलसूत्र बेचकर 13, 000 रूपये तो जुटा लिए हैं लेकिन इससे ज्यादा पैसे इकट्ठा नहीं कर सकते. यह सुनकर एआरटीओ (ARTO) आरसी भारतीय भावुक हो गए. इसके बाद उन्होंने ऑटो का चालान भी भरा और भविष्य में हर तरह से मदद करने का आश्वासन भी दिया.

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घटना बुद्धवार दोपहर दो बजे की है. एआरटीओ (ARTO) आरसी भारतीय अपने ऑफिस में बैठे हुए काम कर रहे थे उसी समय सिंहपुर ताल्ही गांव के रहने वाले विजय कुमार उनके ऑफिस पहुंच गए. मगर संकोच में विजय के मुंह से शब्द नहीं निकल पा रहे थे. विजय को परेशान देख एआरटीओ ने उन्हें अपने पास बुलाया. एआरटीओ ने विजय से कारण पूछा तो उसने बताया कि साहब मैं मजदूरी करता हूं. मैंने केवल हाईस्कूल तक पढ़ाई की है. परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है.

बीते आठ जून को पिता के टेंपो का  24,500 का चालान कट गया था. मां का मंगलसूत्र बेचकर केवल 13, 000 रूपये ही जमा हो पाए हैं. इस उम्मीद में यहां आया कि शायद बाकी की रकम माफ हो जाएगी. युवक ने बताया कि परिवार में छह बहने हैं. एक बहन की शादी हुई है. पूरी कहानी सुनने के बाद एआरटीओ (ARTO) का दिल पसीज गया और उन्होंने चालान की पूरी रकम खुद जमा की और टेंपो का इंश्योरेंस भी कराया. इसके बाद कुछ युवक को नकद पैसे भी दिए और भविष्य में हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया.

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इस मामले में एआरटीओ आरसी भारतीय ने कहा कि पीड़ित की पूरी बात सुनने के बाद चालान की पूरी रकम जमा कर दी. विजय को पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया. अगर वह पढ़ना चाहेगा तो उसकी हर संभव मदद करूंगा. उसकी समस्याओं को देखते हुए मदद करने का मन किया. पीड़ितों की मदद करने से मन को शांति मिलती है.

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