डीएनए हिंदी: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाना लगभग तय है. राज्यपाल रमेश बैस, हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को विधायक पद से अयोग्य ठहराने का आदेश शनिवार को निर्वाचन आयोग को भेज सकते हैं. इस बीच राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है. हेमंत सोरेन ने सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद हेमंत सोरेन अपने विधायकों को बस में बैठाकर निकल गए हैं. उन्हें सुरक्षित रिसॉर्ट ले जाया गया है.
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाया जाएगा. कांग्रेस के एक नेता ने भी PTI एजेंसी को बताया था कि हमारे गठबंधन के विधायकों को छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि विधायकों को सड़क मार्ग से लग्जरी बसों में रांची से छत्तीसगढ़ ले जाया जाएगा. इनमें कुछ एस्कॉर्ट वाहन भी होंगे.
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बैग और सामान लेकर पहुंचे विधाय
वहीं, विधायक दल की मीटिंग में कुछ MLA बैग और सामान के साथ पहुंचे थे. इस को देखते हुए अटकलें और भी मजबूत हो गई हैं कि विधायकों को किसी रिसॉर्ट में शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन इस परिस्थिति में झामुमो और हेमंत सोरेन के लिए छत्तीसगढ़ ही सुरक्षित जगह लग रही थी, जहां कांग्रेस की मजबूत सरकार है.
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गौरतलब है कि हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खनन पट्टे के मामले के कारण अधर में लटकी हुई है. राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि राज्यपाल शनिवार को अयोग्यता आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे और इसे निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा. निर्वाचन आयोग ने सोरेन को एक खनन पट्टा स्वयं को देकर चुनावी मापदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की थी, लेकिन इस पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन के विधायकों को आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए मीटिंग के लिए बुलाया गया था.
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