डीएनए हिंदी: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने सोमवार को बीजेपी ज्वॉइन कर ली. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कैप्टन ना सिर्फ पार्टी में शामिल हुए बल्कि अपनी नवगठित पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का भाजपा में विलय करा दिया. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि आपकी पत्नी परनीत कौर ने बीजेपी ज्वॉइन नहीं की? इस पर कैप्टन ने कहा, 'जरूरी नहीं की जो पति करता है वही पत्नी करे.'
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, किरेन रिजिजू और पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की मौजूदगी में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी मुख्यालय में बीजेपी की सदस्यता ली. कैप्टन के साथ उनके बेटे युवराज रणइंदर सिंह, बेटी बीबा जयइंदर कौर, पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी, पंजाब महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बलबीर राणा सोढ़ी, महलकलां की पूर्व एमएलए हरचांद कौर भाजपा में शामिल हो गईं.
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पटियाला शहर से चुनाव हारे थे कैप्टन
कैप्टन के नाम से मशहूर अमरिंद सिंह 2002 से 2007 तक और मार्च 2017 से सितंबर 2021 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं. बाद में उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और बाद में पीएलसी का गठन किया. पिछले विधानसभा चुनाव में पीएलसी ने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उसका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया था और खुद सिंह को भी अपने गढ़ पटियाला शहर से शिकस्त मिली थी.
ये CM थाम चुके हैं बीजेपी का दामन
कैप्टन से पहले भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों में एसएम कृष्णा का नाम प्रमुख है. कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शुमार कृष्णा अक्टूबर 1999 से मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. वह विदेश मंत्री और राज्यपाल के पद पर भी रह चुके हैं. उन्होंने मार्च 2017 में भाजपा का दामन थामा था. दिगंबर कामत वर्ष 2007 से 2012 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कामत ने हाल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने भी शिव सेना छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. कोंकण की राजनीति में खास प्रभाव रखने वाले राणे ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का दामन थामा था.
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24 साल बाद फिर दोहराया इतिहास
यह कोई पहली बार नहीं है जब कैप्टन ने अपनी पार्टी के साथ दल बदला हो. आज से 24 साल पहले भी कैप्टन अमरिंदर ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था. दरअसल, 1992 में अकाली दल से रिश्ता तोड़ने के बाद उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) नाम से नई पार्टी का गठन किया था. लेकिन उनकी पार्टी पंजाब में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी. इसके 6 साल बाद 1998 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और पार्टी का भी विलय कर लिया.
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