Gyanvapi Masjid Case: जज बोले- डर का माहौल बनाया गया, परिवार को सुरक्षा की चिंता

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 13, 2022, 07:51 AM IST

Gyanvapi Case: जज ने कहा कि यह कमीशन कार्यवाही एक सामान्य कमीशन है, जो कि अधिकतर सिविल वादों में सामान्यतः करवाई जाती है.

डीएनए हिंदीः वाराणसी (Varanasi) के श्रृंगार गौरी मामले में अधिवक्ता कमिश्नर के जरिए ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर का सर्वे कराने का आदेश देने वाले जज सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि इस केस को लेकर डर माहौल बना दिया गया है. मुझे अपने परिवार की और परिवार को मेरी सुरक्षा की चिंता बनी रहती है. 

जज दिवाकर ने लिखा कि 'घर से बाहर होने पर बार-बार पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है. 11 मई को मां ने मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की. शायद उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रुप में ज्ञानवापी जा रहा हूं. मुझे मां ने मना भी किया कि मैं कमीशन में न जाऊं, क्योंकि वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

ये भी पढ़ेंः Gyanvapi Masjid Case: कोर्ट का आदेश- तहखाने सहित सभी स्थानों का किया जाए सर्वे

साधारण कार्यवाही को भी डर के माहौल में बदला  
अपने आदेश के पेज नंबर 2 पर जिक्र करते हुए जज ने लिखा कि यह कमीशन कार्यवाही एक सामान्य कमीशन है, जो कि अधिकतर सिविल वादों में सामान्यतः करवाई जाती है. शायद ही कभी किसी मामले में अधिवक्ता कमिश्नर पर सवाल उठाए गए हों. इस साधारण से सिविल वाद को बहुत ही असाधारण बनाकर एक डर का माहौल पैदा कर दिया गया.

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती बोले- सरकार दे जज को सुरक्षा 
अखिल भारतीय सन्त समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- जज का अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करना कोई नई बात नहीं है. इस देश में जब राष्ट्रहित, हिंदू हित में फैसले दिए हैं, उनकी जान पर खतरा मंडराता रहता है. यूपी और केंद्र सरकार को जजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होना चाहिए.  

ये भी पढ़ेंः Kashi Vishwanath Temple और  Gyanvapi Masjid का आखिर विवाद क्या है?

आदेश की बड़ी बातें  
- कमिश्नर कहीं भी फोटोग्राफी के लिए स्वतंत्र होंगे. मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी की जाएगी.
- सर्वे के दौरान वादी, प्रतिवादी, एडवोकेट, एडवोकेट कमिश्नर और उनके सहायक व सर्वे से संबंधित और कोई नहीं होगा.
- जिला प्रशासन ताले को खुलवाकर या ताले को तुड़वाकर भी सर्वे कराएगा. डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी मॉनिटरिंग करें.
- सर्वे पूरा कराने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर की होगी.
- जिला प्रशासन बहाना बनाकर सर्वे की कार्रवाई को टालने का प्रयास नहीं करेंगे.

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Gyanvapi Case gyanvapi masjid Judge Security