डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भोपाल के भारत भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 'हिंदी विमर्श' कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान सीएम शिवराज ने डॉक्टरों से मरीज के पर्चे पर हिंदी में दवाई लिखने की नसीहत दी. शिवराज ने कहा कि हिंदी में लिखने में क्या परेशानी है. अगर क्रोसिन लिखना है तो उसे हिंदी में लिखने में क्या दिक्कत है. पर्चे पर Rx की जगह पर 'श्री हरि लिखो और दवा नाम हिंदी में लिख दो.'
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि गांव के हर गरीब व्यक्ति को लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े तो भी मैं अपने बच्चों का इंग्लिश मीडियम स्कूल में ही एडमिशन कराऊंगा. मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी. रूस, जापान, जमर्नी, चीन जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है. हम इसके गुलाम हो गए हैं. सीएम ने डॉक्टरों से कहा कि दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते. ऊपर श्री हरि लिखो और नीचे दवाइयों का नाम लिखो. तभी तो हिंदी भाषा घर-घर पहुंचेगी और यह अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी.
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'अंग्रेजी को लेकर बदलनी होगी मानिसकता'
शिवराज सिंह ने कहा कि अंग्रेजी के हम विरोधी नहीं हैं लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी है. आज यह मानसिकता गलत है कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है. मैंने कई मेडिकल कॉलेज के बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है क्योंकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है. सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है क्योंकि हमें करना है. हिंदी विश्वविद्यालय उसी का परिणाम था. ये अलग बात है कि हम इसमें ज्यादा सफल नहीं हो सके. लेकिन लोगों में परिवर्तन आ रहा है. हमें कुछ शब्दों व्यहवारिक तौर पर इस्तेमाल करना होगा. अगर हम व्यहवारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंगे.
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सीएम ने कहा कि अंग्रेजी में लिखे सभी बोर्डों को बदलकर उनपर हिंदी में लिखा जाएगा. इसको जल्द ही लागू किया जाएगा. यह एक सामाजिक क्रांति है. कुछ भी असंभव नहीं है. शिवराज ने कहा कि जब मैंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग मुंह पीछे करके हंस रहे थे लेकिन अब हमने कर के दिखा दिया है.
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