World Pulses Day 2022: क्यों मनाया जाता है यह दिन और कैसे हुई शुरुआत, जानें सब कुछ

स्मिता मुग्धा | Updated:Feb 09, 2022, 09:27 PM IST

दालें भारत में बहुत बड़ी आबादी के लिए प्रोटीन का एक आदर्श और किफायती स्रोत हैं. इनमें खनिज और विटामिन भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं. 

डीएनए हिंदीः दालें हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होती हैं. दालों के महत्व को देखते हुए हर साल 10 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस के रुप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे उद्देश्य दालों के विषय में जागरूकता फैलाना है. इस साल अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस की थीम, ''दालों के सेवन से युवाओं को सश्कत बनाना और शाकाहारी भोजन से विकास” रखी गई है. यह दिन वैश्विक आबादी के वंचित वर्गों के बीच खाद्यान्न की पहुंच बढ़ाने की कोशिश के लिए भी है.

अंतरराष्ट्रीय दलहन दिवस इतिहास
विश्व दलहन दिवस वैश्विक भोजन के रूप में दलहन के महत्व को पहचानने के लिए संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में दालों के मूल्य को मान्यता देने के बाद 2016 को अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष के रूप में अपनाया था. 2019 में महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में घोषित किया था. साथ ही, दलहन के महत्व को देखते हुए 2050 तक दुनिया भर में दाल के उत्पादन को दोगुना करने का मकसद रखा गया है. 

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प्रोटीन का बड़ा स्रोत है दाल
दालों को फलियां भी कहा जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा दालों को "भोजन के लिए उगाए जाने वाले फलीदार पौधों के खाद्य बीज" के रूप में परिभाषित किया गया है. मटर, दाल और सूखे बीन्स की खपत दुनिया में सबसे अधिक होती है. खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार दालें बहुत महत्वपूर्ण फसलें हैं. उनमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. दालें विश्व आबादी के बड़े हिस्से के लिए प्रोटीन का एक आदर्श और किफायती स्रोत हैं. इनमें खनिज और विटामिन भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं.

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शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का बेस्ट सोर्स अरहर दाल