डीएनए हिंदी : नींद नहीं आती है रातों में... धोती-कुर्ता पहने इस गाने पर थिरकते हुए गोविंदा और उनकी नायिका सारा दोष प्रेम को देते हैं पर बॉस ठहरिये, आपकी ज़िंदगी में अगर नींद न आने की समस्या है तो ज़रुरी नहीं है कि ग़लती सारी प्यार, इश्क़ या मुहब्बत की हो. हो सकता है आपकी लाइफ़ में इस नींद न आने का लेना-देना सीधे तौर पर आपके खान-पान से जुड़ा हो. जी, अगर गड़बड़ है Eating Habits तो सच में हो सकता है Sleep Disorder. कैसे? डीएनए हिंदी लेकर आया है पूरी बात -
खूब कार्बोहायड्रेट वाले खाने से गायब हो सकती है नींद
आपको नूडल्स बेहद पसंद हैं. बर्गर य पिज़्ज़ा पर आप जान गंवाते हैं. पैनकेक मिल जाए तो छोड़ना मुश्किल. अगर आप इस तरह के खाने के शौकीन हैं तो हो सकता है कि आपकी नींद आपसे दूर कहीं छुट्टी मनाने निकल जाए. ऐसा कहने के पीछे एक सॉलिड सर्वे है. 2019 में किये गए एक सर्वे के मुताबिक़ अधिक कार्ब वाले खाने से ब्लड शुगर चढ़ता है और फिर तेज़ी से नीचे भी गिरता है. ब्लड शुगर में हुए इस उतार-चढ़ाव से नींद में समस्या आ सकती है, यानी स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder) हो सकता है.
Obesity और नींद के न आने का भी है कनेक्शन
अगर आपका वजन लगातार बढ़ रहा है तो अपने खाने में मौजूद कैलरी के साथ-साथ अपने सोने के पैटर्न पर भी फोकस कीजिए. विज्ञान कहता है कि अधिक कैलरी वाले खाने के बाद या फिर वैसा खाना खाने के बाद जिसका glycemic index कम हो, नींद की कमी हो जाती है. नींद की कमी से दिमाग़ सही संदेश देने में असमर्थ रहता है और कई बार Over Eating जैसे हालात तैयार हो जाते हैं.
कैसे रखें स्लीप हाइजिन का ख़याल
स्लीप हाइजिन का ध्यान रखने के लिए बहुत ज़रुरी है कि खाने में बैलेंस्ड न्यूट्रिशन रखा जाए. अच्छी नींद को सेहत की कुंजी बताने वाली वेबसाइट स्लीप फ़ाउंडेशन का कहना है कि सही नींद के लिए बहुत देर से खाने से भी बचना चाहिए. सबसे अच्छा शाम ढलते ही डिनर कर लेना होता है. नींद के विशेषज्ञ कैफीन के अतिरिक्त सेवन को भी स्लीप डिसऑर्डर (Sleep Disorder ) की वजह मानते हैं. अतः कम कॉफी पीना नींद बेहतर लेने के लिए आवश्यक है.