कितनी देर हवा में रहने के बाद कमजोर हो जाता है Coronavirus?
कोविड पर की गई एक हालिया स्टडी में दावा किया गया है कि वायरस हवा में रहने के 20 मिनट बाद ही 90 फीसदी तक कम असरदार रह जाता है.
दिल्ली के बीएलके मैक्स अस्पताल के स्वांस विभाग (Pulmonology) के डायरेक्टर डॉक्टर संदीप नायर का कहना है कि कोविड जब लंग्स में रहता है, तो वहां वायरस को नमी मिलती है. नमी में वायरस आसानी से रह सकते हैं. लेकिन जैसे ही ड्रॉपलेट (droplet) के जरिए वायरस बाहर निकलता है, वैसे ही सूखे वातावरण की वजह से संक्रामक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है.
डॉक्टर संदीप नायर ने कहा है कि बीते 2 साल में कोरोना के मरीजों का इलाज करने के दौरान उन्होंने ने भी इसी पैटर्न को देखा है. अगर कोई व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के साथ संक्रमण के शुरुआती दिनों में रहता है तो उसके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है. वहीं, कुछ दिनों के बाद यह आशंका कम होने लगती है.
ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्विद्यालय के वैज्ञानिकों ने यह स्टडी कोरोना के अलग-अलग तीन वेरिएंट पर की. कोरोना के अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट चर्चा में रहे हैं. डेल्टा वेरिएंट ने दुनियाभर में कहर बरपाया था. वहीं स्टडी में अल्फा वैरिएंट के बारे में सर्च किया गया. ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रचार और प्रसार का तरीका कैसा है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरी स्वास्थ्य इकाइयों का दावा है कि यह वेरिएंट बेहद तेजी से फैलता है. इस वेरिएंट में कोरोना के 30 से ज्यादा म्युटेशन शामिल हैं.