Stealth, डेल्टाक्रोन और ओमिक्रोन वेरिएंट में क्या है अंतर? जानें सबकुछ
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड की चौथी लहर अपने पीक पर जून या जुलाई में पहुंच सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य रूप से अपर रेस्पिरेटरी (Upper Respiratory) को प्रभावित करता है. इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ता है. नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों का स्वाद जा सकता है. उनकी सूंघने की क्षमता प्रभावित हुई है. लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ नहीं हो रही है, यही वजह है कि इसे पहचानना भी मुश्किल है. नए वेरिएंट के प्रमुख लक्षणों में मुख्य रूप से चक्कर आना और थकावट के साथ बुखार का आना है. खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में थकान, ठंड लगना और हार्ट बीट का बढ़ जाना है. ऐसे लक्षण आमतौर पर संक्रमण के दो से तीन दिनों के भीतर दिखाई देते हैं. दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेष चिंता में हैं कि कहीं यह वेरिएंट पूरी दुनिया में फैल न जाए.
डेल्टा वेरिएंट का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिला था. वैज्ञानिकों ने इसे B.1.617.2 वेरिएंट का नाम दिया था. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक सुपर-म्यूटेंट वायरस है, जिसका वैज्ञानिक नाम BA.1 + B.1.617.2 है. विशेषज्ञों ने कहा है कि डेल्टा और ओमिक्रोन से मिलकर बना एक हाइब्रिड स्ट्रेन है. यह वेरिएंट भी तेजी से फैलता है. डेल्टाक्रोन से संक्रमित मरीजों में सिरदर्द और तेज बुखार के लक्षण देखे जाते हैं. इससे संक्रमित मरीजों में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है.
ओमिक्रोन वेरिएंट बेहत तेजी से फैलता है. दुनियाभर में इस वेरिएंट की वजह से कोविड की तीसरी लहर आई थी. कोविड-19 का ओमिक्रोन वेरिएंट, डेल्टा की तुलना में कम असरदार साबित हुआ था. इस वेरिएंट के लक्षणों में थकान, बुखार, शरीर में दर्द, रात को पसीना, छींकना, नाक बहना और भूख न लगना शामिल है. यह वेरिएंट कम जानलेवा साबित हुआ था.