किसान का बेटा बना Indian Football का किंग, खुद के नाम पर बना स्टेडियम, डांस में भी नंबर-1
बाईचुंग भूटिया भारतीय फुटबॉल की दुनिया का एक ऐसा सितारा हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को पहचान दिलाई.
| Updated: Dec 15, 2021, 09:22 AM IST
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15 दिसंबर 1976 को सिक्किम में जन्मे बाईचुंग बचपन से ही स्पोर्ट्स में काफी रुचि रखते थे. उन्होंने काफी कम उम्र से ही बैडमिंटन, फुटबॉल, बास्केटबॉल और एथलेटिक्स खेलना शुरू कर दिया था.
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बाईचुंग एक किसान परिवार से आते हैं और उनके परिवार को उनका खेलों में दिलचस्पी लेना पसंद नहीं था. उनके पिता के निधन के बाद उनके एक अंकल कर्मा भूटिया ने उन्हें प्रोत्साहित किया. इसके बाद पूर्वी सिक्किम से सैंट जेवियर स्कूल से बाईचुंग भूटिया ने पढ़ाई की.
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नौ साल की उम्र में उन्होंने फुटबॉल स्कॉलरशिप जीत ली थी. इस स्कॉलरशिप की मदद से वह गंगटोक की ताशी नामग्याल अकेडमी गए. सन् 1992 में उन्होंने फुटबॉल में बेस्ट प्लेयर अवॉर्ड जीता और उनका टैलेंट लोगों के सामने आया. भूटिया ने अपना क्लब प्रोफेशनल डेब्यू सन् 1993 में कोलकाता के ईस्ट बंगाल क्लब से किया. उनका इंटरनेशनल डेब्यू सन् 1995 में नेहरू कप के दौरान थाईलैंड के खिलाफ हुआ था.
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सन् 1999 में वह English club Bury से जुड़े और European club के साथ कॉन्ट्रेक्ट साइन करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने. वह तीन बार Nehru Cup, LG Cup, SAFF Championship जीत चुके हैं. वह भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले फुटबॉलर्स की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं.
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अक्टूबर 2010 में उन्होंने दिल्ली में Bhaichung Bhutia Football Schools (BBFS) की स्थापना की. इसके बाद अगस्त 2011 में उन्होंने इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास की घोषणा की.
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बाईचुंग भूटिया को अर्जुन अवॉर्ड (1988), पद्मश्री (2008) और पद्म भूषण (2014) जैसे पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. वह एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें उनके करियर के दौरान ही उनके नाम पर एक फुटबॉल स्टेडियम का नाम रखे जाने का सम्मान मिला है. ये स्टेडियम में सिक्किम में है.
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बाईचुंग भूटिया ने सन् 2009 में रियल्टी शो 'झलक दिखला जा' में भी हिस्सा लिया था. वह इस शो के विजेता भी बने थे.