41 की उम्र में रिटायर हुए Harbhajan Singh, जानें भज्जी से टर्बनेटर बनने की कहानी

Harbhajan Singh ने 41 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. 23 साल के लंबे करियर में दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कई बड़े कीर्तिमान रचे.

दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. 711 विकेट लेने वाले भज्जी का अंतरराष्ट्रीय करियर बहुत चमकदार है. तस्वीरों में देखें उनके करियर की बड़ी उपलब्धियां. 

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 711 विकेट 

हरभजन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 711 विकेट लिए हैं. टेस्ट में 417, वनडे में 269 और टी-20 में 25 विकेट लिए हैं. विकेटों की यह कहानी ही खेल में उनके कद को बताने के लिए काफी है. 

दो बार की विश्व विजेता टीम के रहे सदस्य

हरभजन सिंह 2007 टी-20 विश्व कप विजेता और 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे. इन दोनों ही टूर्नामेंट में उन्होंने टीम के लिए अहम भूमिका निभाई थी. भज्जी ने टी-20 वर्ल्ड कप में 7 विकेट चटकाए थे और 2011 वर्ल्ड कप में भी 9 विकेट झटके थे. 

2001 में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दिया टर्बनेटर नाम

उन्होंने मार्च 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 32 विकेट झटके थे, जिसमें एक भारतीय द्वारा पहली टेस्ट हैट्रिक भी शामिल थी. इस दौरे के बाद ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने युवा भज्जी को टर्बनेटर नाम दिया. इस दौरे में कंगारूओं की टीम की जीत के सपने को चकनाचूर करने और अपनी आक्रामक शैली, वेश-भूषा की वजह से यह नाम दिया गया था. 

जरूरत पड़ने पर बल्ले से भी किया कमाल 

हरभजन सिंह उन चुनिंदा गेंदबाजों में से हैं, जिन्होंने जरूरत पड़ने पर बल्ले से भी बड़ी भूमिका निभाई. हरभजन के बल्ले का कमाल है कि उन्होंने टेस्ट में 2 बार शतक और 9 बार अर्धशतक लगाए हैं. 

विवादों से भी रहा खूब नाता 

23 साल के लंबे करियर में भज्जी के नाम कई विवाद जुड़े. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ मैदान पर बहस या आईपीएल मैच के बाद साथी खिलाड़ी श्रीसंत को थप्पड़ मारने का विवाद हो. उनके करियर में ऐसे कुछ विवाद भी जुड़े रहे.