Plastic पर 8 घंटे और Skin पर 21 घंटे तक जिंदा रहता है Omicron, एक शोध में हुए नए खुलासे

एक शोध में कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर कुछ नए खुलासे हुए हैं. इन पर ध्यान देते हुए सावधानी बरतना जरूरी है.

Covid-19 के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के चलते कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हुई. अब तीसरी लहर की आशंका भी जाहिर की जा चुकी है और हर दिन लाखों की संख्या में नए मामले भी दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में इस वेरिएंट से जुड़े कुछ नए खुलासे भी हुए हैं जो चिंता की स्थिति बना रहे हैं. 

त्वचा पर 21 घंटे तक जिंदा रहता है ओमिक्रोन

एक शोध में सामने आया है कि ओमिक्रोन किसी प्लास्टिक की चीज पर 8 घंटे तक और त्वचा पर 21 घंटे तक जीवित रह सकता है. अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस के इससे पहले के वेरिएंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा इतने लंबे समय तक मानव शरीर पर जिंदा नहीं रह पाते थे.

जापान में हुआ है शोध

जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है. वैज्ञानिकों ने त्वचा पर वायरस के जीवन चक्र का पता लगाने के लिए कैडवर (शव) पर परीक्षण किया है. कैडवर के त्वचा पर वायरस का मूल रूप 8.6 घंटे, अल्फा 19.6, बीटा 19.1, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे जबकि ओमिक्रोन 21.1 घंटे तक जीवित पाया गया है.

अभी होनी है पूर्ण समीक्षा

अभी इसे प्री-प्रिंट पर पोस्ट किया गया है और इसकी पूर्ण समीक्षा नहीं हुई है. इस अध्ययन में ओमिक्रोन का SARS-CoV-2 के वुहान स्ट्रेन और अन्य चिंताजनक वेरिएंट्स के साथ पर्यावरणीय स्थिरता में अंतर का विश्लेषण किया गया है.

दुनिया भर में बढ़ रहे हैं मरीज

शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमिक्रोन वेरिएंट की पर्यावरण में स्थिरता ज्यादा है. ऐसे में ये अधिक संक्रामक हो सकता है. संभव है कि ये डेल्टा वेरिएंट की जगह ले ले. संक्रमण क्षमता तेज होने के कारण ही दुनियाभर में इसके ज्यादा मरीज मिल रहे हैं.

बरतें पूरी सावधानी

शोधकर्ताओं ने इससे बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान रखने की सलाह दी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा जारी किए गए सभी नियमों का पालन करना इससे बचने के लिए बेहद जरूरी है. ऐसे में यह जरूरी है कि हाथों की सफाई की अहमियत को नजरअंदाज ना किया जाए. अल्कोहल युक्त हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल किया जाए.