Virat Kohli की 100वें टेस्ट से पहले हुंकार, 'मैंने अपने लिए कभी छोटे लक्ष्य नहीं बनाए'

मोहाली में अपना 100वां टेस्ट खेलने जा रहे विराट कोहली ने अपने इरादे जता दिए हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह बड़ी पारियां ही खेलना चाहते हैं.

| Updated: Mar 03, 2022, 11:35 PM IST

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100वें टेस्ट से पहले पूर्व कप्तान ने कहा कि मैंने कभी भी छोटी पारी खेलने का इरादा नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'मेरी नजरें हमेशा बड़ी पारी और ज्यादा से ज्यादा रन बनाने पर रही हैं. मुझे लंबी पारी खेलना और अच्छे रन बनाना पसंद है. टीम इंडिया के लिए खेलने से पहले मैंने जूनियर क्रिकेट में 7-8 दोहरे शतक लगाए थे. मैं हमेशा बड़ी पारी खेलने के इरादे से ही मैदान पर उतरता हूं.'

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विराट कोहली ने इस खास मौके पर अपने परिवार और कोच का भी शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा कि जाहिर है कि 100 क्रिकेट खेलना एक बड़ी उपलब्धि है और मैं बहुत खुश हूं. इस सफर में परिवार और मेरे कोच ने भी पूरा साथ दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी इस उपलब्धि पर उनके कोच और परिवार के सब लोग बहुत उत्साहित हैं.
 

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विराट कोहली के एक दशक के करियर पर नजर डालें तो एक बार को ऐसा लगता है कि जिस तूफानी अंदाज में शुरुआत की थी, वह लय गड़बड़ाती जा रही है. विराट ने अपने शुरुआती 25 टेस्ट मैचों में 43 पारियां खेली थी और 44.35 के औसत से 1730 रन बनाए थे. इसमें 6 शतक और 9 अर्धशतक शामिल थे. 26 से 50 मैचों में उन्होंने 43 पारियों में 51.45 के औसत से 2161 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 8 शतक और 5 अर्धशतक भी लगाए हैं. 51 से 75वें टेस्ट को उनके करियर का स्वर्ण काल कह सकते हैं. इस दौरान वह कप्तान भी थे और उनके बल्ले से भी आग निकल रही थी. 42 पारियों में विराट ने 67.10 के औसत से 2617 रन बनाए थे. उनके बल्ले से 11 शतक और छह अर्धशतक भी इन 25 मैचों में निकले थे. इसके बाद उनका ग्राफ तेजी से गिरा और 76 से 99वें मैच में उन्होंने 40 पारियां खेली हैं और 38.26 के औसत से 1454 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने सिर्फ 2 शतक लगाए. पिछले 2 साल से उनका शतकों का सूखा भी चल रहा है. 
 

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विराट कोहली जिस कद के खिलाड़ी हैं उनके लिए वापसी करना कभी मुश्किल नहीं है. कोहली के फैंस को उम्मीद है कि 100वें मैच में वह जरूर बड़ी पारी खेलेंगी. मोहाली के इस मैच में 50% दर्शकों को भी स्टेडियम में मैच देखने की अनुमति दी गई है. मोहाली के मैदान से कोहली अच्छी तरह परिचित हैं और घर में 100वां टेस्ट खेलने की वजह से उनके पास मनोवैज्ञानिक बढ़त भी है.

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सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का मानना है कि टेस्ट कप्तानी का दबाव अब कोहली पर नहीं है. फिलहाल उनकी फिटनेस जबरदस्त है और वह उस स्तर के खिलाड़ी हैं कि एक मैच के साथ अपनी फॉर्म पा सकते हैं. ऐसे में सबको उम्मीद है कि कोहली अपना स्वाभाविक गेम खेल पाएंगे. अभी उनके साथ फिटनेस और उम्र भी है.