मां के दूध से नहीं होता Covid, गर्भावस्था में भी टीका लगवा सकती हैं महिलाएं

| Updated: Jan 18, 2022, 01:20 PM IST

डॉ. ने कहा कि नवजात के लिए मां के दूध से कोविड के संक्रमण का कोई खतरा नहीं है.

डीएनए हिंदी: देश में कोरोना (Coronavirus) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसकी चपेट में गर्भवती महिलाएं न आएं और जच्चा-बच्चा को कैसे सुरक्षित रखें, इसे लेकर डाक्टरों ने कई सुझाव दिए हैं. विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना की वैक्सीन (Vaccine) कई तरह के इंफेक्शन को कम कर सकती है साथ ही इसके जरिए कोरोना से होनी वाले कॉम्पलिकेशन को भी कम किया जा सकता है. यह अपने आप में मजबूत सुरक्षा कवच है.

यूपी की राजधानी के केजीएमयू की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव का कहना है कि इस बार संक्रमण का प्रसार तेज है लेकिन उतना घातक नहीं है फिर भी लोगों को सवाधान रहना होगा. खासकर गर्भवती महिलाओं में पहली और दूसरी लहर के बाद से जागरूकता काफी आ चुकी है. इस लहर में गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने की गाइडलाइन आ चुकी है जिससे उन्हें बड़ा सुरक्षा कवच मिल गया है. डॉ. ने कहा कि नवजात के लिए मां के दूध से कोविड के संक्रमण का कोई खतरा नहीं है.

कोविड के लक्षण हैं तो क्या करें?
अपोलो अस्पताल नवी मुंबई की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तृप्ति दुबे ने बताया, 'पहली बात जिसे सिर्फ दूध पिलाने वाली मां को ही नहीं हर किसी को गांठ बांध लेनी चाहिए, मां के दूध से बच्चे को संक्रमण का खतरा अपवाद (रेयर) है. संक्रमण सिर्फ ड्राप्लेट (मुंह और नाक से सांस लेने, खांसने, छीकने या थूकने के दौरान निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदें) से फैलता है. संक्रमण के लक्षण वाली महिलाएं अगर संभव हो तो जिस कमरे में आइसोलेट हों बच्चे को उससे अलग कमरे में रखें. अपने कमरे में ब्रेस्ट पंप से दूध निकालकर जो बच्चे की देखरेख कर रहा हो, उसे पिलाने को दें. दूध निकालने के पहले हर बार ब्रेस्ट पंप को सैनिटाइज जरूर करें.'

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उन्होंने बताया कि अगर संक्रमण के लक्षण नहीं हैं तो ऐसी महिलाएं कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का अनुपालन करते हुए बच्चे को आइसोलेट होने वाले कमरे में साथ रख सकती हैं. कमरे में बच्चे को दो मीटर की दूरी पर रखें. हर समय प्रॉपर तरीके (ठुड्डी से नाक) से मास्क (एन-95) लगाकर रखें. हर बार दूध पिलाने के पहले कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार साबुन से हाथ को जरूर धुलें. मास्क प्रॉपर तरीके से लगा है कि नहीं यह जरूर चेक कर लें. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि कोविड के दौरान भी महिलाओं को बच्चों को दूध पिलाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. यह दोनों के लिए लाभदायक है.

डा. दुबे कहती हैं कि चूंकि गर्भावस्था महिलाओं के लिए एक खास अवस्था होती है ऐसे में उनको सांस संबंधी दिक्कत अधिक हो सकती है. इस अवस्था में वह सांस संबंधी कुछ संस्तुत मेडिकेशन भी नहीं कर सकती हैं. 

क्या गर्भावस्था में भी टीका लगवा सकती हैं महिला?
डा. दुबे ने कहा, 'बिल्कुल इससे कोई खतरा नहीं है. वैसे तो वह कभी भी टीका लगवा सकती हैं लेकिन सबसे बढ़िया समय गर्भावस्था के तीन महीने के बाद का होता है. दोनों टीकों के बीच अंतराल भी उतना ही होगा जितना सामान्य लोंगों के लिए. आंख, मुंह, नाक और मास्क को न छूना. सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचना. उन जगहों या चीजों (दरवाजे के हैंडिल, मेज, लाइटर, बाहर से आए समान के गत्ते आदि) को छूने से बचना जिनको लोग छूते हों. कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धुलना, 60 फीसद वाले एल्कोहल वाले सैनिटाइजर का प्रयोग कोविड के ये सामान्य प्रोटोकाल सबके लिए हैं.

(इनपुट- आईएएनएस)