डीएनए हिंदी: हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) लेने वाली वृद्ध या उम्रदराज महिलाओं के लिए कोविड-19 (Covid-19) के जानलेवा होना का खतरा दूसरी महिलाओं की तुलना में 50 फीसदी कम है. स्वीडिश (Swedish) वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि जो महिलाएं हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रही हैं उनकी कोविड से मौत होने का खतरा कम है.
कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि कोविड महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु दर लगातार कम रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि एस्ट्रोजन (Oestrogen) भी इसका एक कारण माना जाता है. 60 साल से अधिक उम्र की 2,500 ऐसी महिलाओं पर शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया जिन्हें हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जा रही थी. इनमें ज्यादातर महिलाएं रजोनिवृत्त (Menopausal) थीं. कोविड की पहली लहर में यह ये महिलाएं कोविड पॉजिटिव हुईं थीं.
60 वर्ष से ज्यादा उम्र की 12,000 महिलाओं पर भी स्टडी की गई. ये महिलाएं हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रहीं थीं. कैंसर से ठीक होने के बाद एस्ट्रोजन-ब्लॉकर्स पर रहने वाली 200 महिलाओं पर भी यह स्टडी की गई. जो महिलाएं एस्ट्रोजन नहीं ले रहीं थीं उनके मरने की आशंका उन महिलाएं के तुलना में आधी थी जो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रहे थे.
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एस्ट्रोजन बढ़ाता है इम्युनिटी
ऐसे मरीज जो ब्लॉकर्स पर थे उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के बाद मरने की संख्या दोगुनी थी. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) में प्रकाशित एक नई स्टडी की फाइनल रिपोर्ट सामने आने से पहले महामारी की पहली लहर के दौरान फरवरी और सितंबर 2020 के बीच अस्पताल में एडमिट मरीजों पर विश्लेषण किया गया.
विशेषज्ञों का दावा है कि एस्ट्रोजन कोरोना वायरस से रक्षा करने में सक्षम है. एस्ट्रोजन शरीर को संक्रमण और बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए बेहतर इम्युनिटी देता है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि स्टडी में जीवनशैली, वजन और आहार जैसे दूसरे फैक्टर्स को ध्यान में नहीं रखा गया है. महिला और पुरुष दोनों के शरीर में स्ट्रोजन का उत्पादन होता है. महिलाएं में एस्ट्रोजन का स्तर उच्च होता है.
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क्या हैं मेनोपॉज के लक्षण?
महिलाएं मेनोपॉज तक पहुंचती हैं तो एस्ट्रोजन का लेवल कम होने लगता है. मोनोपॉज के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ सकता है, सिर दर्द, दिल का तेज धड़कना, बालों का झड़ना, साथ ही मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. अचानक बुखार और पसीने का आना भी इसका लक्षण है. रजोनिवृत्ति की वजह से कम एस्ट्रोजन के स्तर को बदलने वाली दवा के साथ महिलाएं इन लक्षणों से लड़ने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेनी पड़ सकती है.
क्या रहे स्टडी के नतीजे?
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) की स्टडी के आंकड़े स्वीडिश डेटाबेस से निकाला गया था. इसमें महज 2.1 फीसदी हार्मोन रिप्लेसमेंट लेने वाली महिलाओं की मौत कोविड से हो रही थी.
ऐसी महिलाएं जिन लोगों को ट्रीटमेंट नहीं मिला उनमें से 4.6 फीसदी मरीजों की कोविड से मौत हो गई है. एस्ट्रोजन ब्लॉकर्स लेने वाली 10 फीसदी महिलाओं की कोविड पॉजिटिव होने के बाद मौत हो गई थी. वैज्ञानिकों का कहना है कि हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने वाली महिलाओं की मृत्युदर दूसरों की तुलना में कम थी.
स्वीडन में उमेआ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मालिन सुंड ने कहा, 'यह स्टडी एस्ट्रोजन के लेवल और कोविड से होने की वाली डेथ रेट से संबंधित है. एस्ट्रोजन लेवल बढ़ाने वाली दवाइयां, पोस्ट मेनोपॉजल पीरियड के दौरान महिलाओं में कोविड के खिलाफ बेहतर प्रतिरक्षा दे सकती हैं. इस पर और अध्ययन किया जा सकता है.' शोधकर्ताओं का यह भी दावा है कि कोशिकाओं के जरिए शरीर में शामिल हुए कोविड वायरस से प्रतिरक्षा देने में एस्ट्रोजन मददगार हो सकता है.
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर स्टीफन इवांस ने कहा है कि ये निष्कर्ष नाटकीय हैं. उनका दावा है कि ऐसे निष्कर्षों पर एक लंबे अध्ययन की जरूरत होती है.
ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स ने पाया कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में कोविड से मरने का जोखिम ज्यादा था. इंग्लैंड में कोविड-19 पॉजिटिव होने के 28 दिनों के भीतर 61,978 महिलाओं की मौत हुई थी वहीं 77,032 पुरुषों ने जान गंवाई थी.
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