डीएनए हिंदी: 'द लांसेट पब्लिक हेल्थ' (The Lancet Public Health) जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2050 तक दुनिया भर में डिमेंशिया (Dementia) के मरीज 3 गुना ज्यादा बढ़ सकते हैं.
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फार हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन से जुड़ी इस स्टडी में कहा गया कि साल 2050 तक वैश्विक स्तर पर 40 साल या उससे ज्यादा की उम्र के लोगों में डिमेंशिया पीड़ितों की संख्या तीन गुना हो जाएगी.
साइंटिस्टों ने बताया कि साल 2019 में दुनिया भर में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या 5.7 करोड़ थी जो साल 2050 में बढ़कर 15.3 करोड़ हो सकती है.
क्या है डिमेंशिया?
आम भाषा में डिमेंशिया को भूलने की बीमारी कहा जाता है. हालांकि यह बीमारी की नहीं बल्कि एक बड़े लक्षणों के ग्रुप का नाम है. इस बीमारी में भूलने के अलावा बातें याद करने में दिक्कत होना, लॉजिक को समझ न पाना, लोगों से मिलने-जुलने में झिझक, इमोशंस को संभालने में दिक्कत, पर्सनैलिटी चेंज, आदि जैसे लक्षण देखे जाते हैं. ये सभी लक्षण ब्रेन लॉस के कारण होते हैं.
क्या है उपाय?
एक अन्य शोध के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ एथेंस के प्रोफेसर डॉ निकोलस स्कारमेस (Dr Nikolaos Scarmeas) ने बताया कि उन्होंने अपनी स्टडी के नतीजों में पाया है कि लोग एंटी इंफ्लामेटरी डाइट को शामिल कर अपने ब्रेन को हेल्दी बना सकते हैं.
डॉ निकोलस ने कहा कि लोग अपनी डाइट में बदलाव करके दिमागी बीमारियों के जोखिम से आसानी से बच सकते हैं. इसके लिए उन्हें बस एंटी-इंफ्लामेटरी फल और सब्जियों का सेवन करना होगा.