Female Mosquitoes को मारने के लिए छोड़े जाएंगे लैब में तैयार मच्छर, यूं करेंगे खात्मा

| Updated: Mar 30, 2022, 03:53 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

यह कंपनी अरबों की संख्या में जेनेटिकली मॉडिफाइड नर मच्छरों को पर्यावरण में छोड़ने जा रही है. यह नर मच्छर मादा मच्छरों के साथ मेट करेगा.

डीएनए हिंदी: मच्छरों का मिशन क्या है ? आप कहेंगे खून पीना, बीमारियां फैलाना लेकिन हम कहें कि इनका मकसद अपने ही साथियों को मारना है तो क्या आप यकीन करेंगे? यह मजाक नहीं बिल्कुल सच और यह जल्द अमेरिका में हो सकता है. अमेरिका के फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया में अरबों जेनेटिकली मॉडिफाइड नर मच्छर (genetically modified male mosquitoes) छोड़े जा सकते हैं ताकि ये आपको बीमारी फैलाने वाले मच्छरों से दूर रख सकें. ऐसा इसलिए क्योकि देश की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने मच्छरों से संबंधित ऑक्सिटेक कंपनी को पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद आगे की प्रोसेस की मंजूरी दे दी है. 

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, यूके स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ऑक्सिटेक ने अरबों जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर विकसित किए हैं जो बीमारी पैदा करने वाले मच्छरों को इंसान से दूर रखने में कारगर साबित होंगे. मच्छरों को छोड़ने का काम ब्रिटेन स्थित ऑक्सिटेक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी करने वाली है. यह कंपनी अरबों की संख्या में जेनेटिकली मॉडिफाइड नर मच्छरों को पर्यावरण में छोड़ने जा रही है. यह नर मच्छर मादा मच्छरों के साथ मेट करेगा. चूंकि मादा मच्छर को अंडे देने के लिए खून की आवश्यकता होती है और यही कारण है कि वो इंसानों को काटती हैं. 

कंपनी का कहना है कि जेनेटिकली मॉडिफाइड नर मच्छर जो काटते नहीं हैं वो मादा के साथ मेट करेंगे और इस दौरान उनमें से प्रोटीन निकलेगा. वह जेनेटिक तौर पर परिवर्तित होगा. वह प्रोटीन मादा मच्छर को उसके काटने की उम्र से पहले ही मार देगा. ऑक्सिटेक के अनुसार, इसका उद्देश्य डेंगू, जीका, पीला बुखार और चिकनगुनिया जैसी हानिकारक बीमारियों पर लगाम लगाना है. कंपनी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि कैलिफोर्निया में 2013 में पहली बार इन मच्छरों का पता चलने के बाद से यह मच्छर तेजी से पूरे राज्य में 20 से अधिक काउंटियों में फैल गए जिससे जोखिम बढ़ गया था. 

सफल हो गया है पायलट प्रोजेक्ट 

इसकी रोकथाम के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी. एक कैलिफोर्निया में डेल्टा मॉस्किटो और वेक्टर कंट्रोल डिस्ट्रिक्ट (डेल्टा एमवीसीडी) के साथ और एक फ्लोरिडा में फ्लोरिडा कीज मॉस्किटो कंट्रोल डिस्ट्रिक्ट (एफकेएमसीडी) के साथ. अब यह पायलट प्रोजेक्ट सफल हो गया तो अब ईपीए की मंजूरी के बाद ऑक्सिटेक कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में राज्य नियामकों को उनके रिव्यू के लिए परमिट आवेदन जमा करेगा. 

कंपनी ने कहा है कि यह सुरक्षित, टिकाऊ और लक्षित जैविक कीट नियंत्रण तकनीक, मधुमक्खियों और तितलियों जैसे फायदा देने वाले कीड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाती है. यह तरीका बीमारी फैलाने वाले एडीज एजिप्टी मच्छर को नियंत्रित करने के लिए बढ़िया साबित हुआ जिसने फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया और अन्य अमेरिकी राज्यों में तेजी से इंसानों पर हमला किया था.

 

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