डीएनए हिंदी: हार्ट डिजीज (Heart Diseases) से अब कम उम्र में भी लोगों की मौत होने लगी है. खराब होती लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज (Lifestyle and Less Exercise ) न करने की आदत हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) और बीपी (Blood Pressure) जैसी परेशानियों का कारण बनती है और ये दोनों ही बीमारियां हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का कारण बनती हैं. कई बार हार्ट अटैक के संकेत शरीर को 24 घंटे पहले से मिलने लगते हैं, (Heart attack signals start coming to body 24 hours in advance) लेकिन इसे सामान्य समझने की भूल ही भारी पड़ती है.
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अगर किसी को अचानक से हार्ट अटैक आए तो उसके लिए कुछ दवाएं हैं जो जान बचा सकती हैं. इसमें एक दवा जीभ के नीचे रखने वाली होती है और बाकी तीन दवाएं पानी से देनी होती है. अगर मरीज होश में नहीं तो उसकी जीभ के नीचे दवा रखना ज्यादा कारगर होता है.
यदि आपके सीने में दर्द (Pain in Chest) महसूस हो रहा या आप दिल से संबंधित परेशानियों से जूझ रहे तो आपको अपने दिल का हाल जानने के लिए 6 तरह के टेस्ट तुंरत (6 Type of Medical Test) कराने चाहिए. अगर आपकी उम्र 40 प्लस है तो भी आपको इन 6 टेस्ट को समय—समय पर कराते रहना चाहिए ताकि आपको अपने दिल का हाल पता चल सके.
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हार्ट अटैक आने से 24 घंटे पहले से मिलने लगते है ये लक्षण
- बहुत ज्यादा कमजोरी या थकान
- सीने में भारीपन या दर्द सा महसूस होना
- नींद में दिक्कत
- दिल की धड़कन तेज होना
- हाथ में कमजोरी/ या भारीपन महसुस होना
- सोच या याददाश्त में बदलाव
- दृष्टि परिवर्तन
- खट्टी डकार या गैस का बहुत बनना
- बेचैनी और सांस लेने परेशानी
- मिचली सी महसूस होना
हार्ट अटैक आने से पहले क्या होता है?
शोध में पाया गया कि हार्ट अटैक आने से पहले 34 महिलाओं को मितली को अनुभव होता है, जबकि पुरुषों में यह लक्षण बहुत कम दिखाई देता है. कुछ मामलों में महिलाओं को हार्ट अटैक आने से पहले जबड़ा, गर्दन, पीठ, हाथ या कंधे में दर्द भी महसूस होता है. यदि हाथों में लगातार झुनझुनी या सुन्नता बनी रहती है तो इसे भी हार्ट अटैक आने का संकेत माना जा सकता है.
हार्ट अटैक आते ही क्या करें, जीभ के नीचे रखें ये दवा
ऐसा होने पर आपको तुरंत मदद के लिए इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए और पीड़ित को लेटाकर रखना चाहिए. आपके पास Disprin, Ecosprin या Aspirin है, तो आपको इसे रोगी को देना चाहिए. sorbitrate की 5mg की टेबलेट मिल जाए तो उसे तुरंत जीभ के नीचे रख दें इसे दर्द की तीव्रता कम होगी और नसों में खून का दौरा बढ़ जाएगा.
ध्यान रहे इन दवाओं में से किसी एक ही दवा को मरीज को देना चाहिए. ये दवाएं कुछ वक्त आपको डॉक्टर तक पहुंचने तक का दे देती हैं. इसलिए इमरजेंसी के लिए ये दवाएं हर किसी को अपने घर में जरूर रखनी चाहिए.
हार्ट की हेल्थ का इन टेस्ट से चलेगा पता (Heart health will be known from these test)
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1. Blood Test से मिलेगा अंदर का हाल
हार्ट के अंदर का हाल जानने के लिए आपको कुछ खास ब्लड टेस्ट कराने चाहिए. ब्लड टेस्ट से मांसपेशियों के क्षतिग्रस्त होने से लेकर कोलेस्ट्रॉल और शुगर आदि सबका पता चल सकेगा. ब्लड टेस्ट से शरीर में सोडियम, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, विटामिन और मिनरल्स आदि की अधिकता या कमी को आसानी से जाना जा सकता है. कोलेस्ट्राल, विटामिन डी, बी के साथ ही शुगर की जांच जरूर करानी चाहिए.
2. इको टेस्ट
हार्ट के हेल्थ का पता इको टेस्ट भी किया जा सकता है. इको टेस्ट को इकोकार्डियोग्राम भी कहा जाता है. इको एक तरह का अल्ट्रासाउंड होता है जिससे धड़कने और हार्ट के पंप करने को मापा जाता है.इको टेस्ट से ध्वनि तरंगों से हार्ट के अंदर की तस्वीरों को देखा जा सकता है. ये हार्ट में होने वाली छोटे सी दिक्कत को भी बता देता है.
3. कार्डियक सीटी स्कैन
कार्डियक सीटी स्कैन हार्ट और चेस्ट के चारों तरफ की स्थितियों के बारे में बताता है. एक्स-रे ट्यूब हार्ट के आसपास के तस्वीरों को लेती है और इसे देखकर हार्ट के बारे में बहुत कुछ पता चलता है.
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4. चेस्ट एक्स-रे
सांस लेने से संबंधित कोई दिक्कत होने पर चेस्ट एक्स-रे करवाना चाहिए. चेस्ट एक्स-रे करवाने से चेस्ट, हृदय की तस्वीरों को देखा जाता है और सांस की तकलीफ की असली वजह का पता चल पाता है. चेस्ट एक्स-रे को कम रेडिएशन के साथ किया जाता है.
5. ईसीजी
ईसीजी हृदय की जांच करने के लिए एक सबसे आसान टेस्ट है. इस टेस्ट के दौरान व्यक्ति को कोई परेशानी या दिक्कत महसूस नहीं होती है. ईसीजी के जरिए हृदय के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को रिकॉर्ड किया जा सकता है. इसमें पता चलता है कि हृदय सही से कार्य कर रहा है या नहीं.
6. हॉल्टर मॉनिटरिंग
हॉल्टर मॉनिटरिंग टेस्ट करने से हृदय के चलने की गति का पता लगाया जा सकता है. यह टेस्ट अकसर तब किया जाता है, जब ईसीजी के बाद कोई तकलीफ नजर नहीं आती है. इस टेस्ट को पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस की मदद से किया जाता है. इस टेस्ट में व्यक्ति को 24 से 72 घंटे तक इस डिवाइस को पहनकर रखना होता है.
सीने में दर्द या सांस लेने में अगर आपको दिक्कत है तो आपको इन टेस्ट को जरूर करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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