डीएनए हिंदी: भारत ने गुरुवार को चीन पर बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही घोषणा की कि भारतीय दूत उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे. इसके अलावा भारत का राष्ट्रीय खेल चैनल डीडी स्पोर्ट्स भी विंटर ओलंपिक के इन दोनों कार्यक्रमों का प्रसारण नहीं करेगा. प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने ट्वीट किया, विदेश मंत्रालय की घोषणा के बाद बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह का सीधा प्रसारण नहीं करेगा.
भारत की यह घोषणा चीन द्वारा गलवान घाटी में हुए संघर्ष में शामिल सैन्य कमांडर ची फबाओ को मेगा स्पोर्टिंग इवेंट के मशाल वाहक के रूप में सम्मानित करने के कदम के बाद आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह खेदजनक है कि चीन ओलंपिक का राजनीतिकरण कर रहा है.
विंटर ओलंपिक 4 से 20 फरवरी तक बीजिंग में होंगे. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत के साथ संघर्ष में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) रेजिमेंट कमांडर को चीन ने बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक मशाल ले जाने के लिए चुना गया है.
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा उन देशों में से हैं जिन्होंने खेलों का राजनयिक बहिष्कार किया है. बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक मशाल रिले के लिए पीएलए कमांडर चुनने के लिए एक अमेरिकी सांसद ने कल चीन को फटकार लगाई थी.
सीनेटर जिम रिश ने कहा, यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 के लिए भारत पर हमला करने वाले सैन्य कमान का हिस्सा रहे कमांडर को चुना है. चीन उइगरों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है. उन्होंने आगे कहा, अमेरिका उइगर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन करना जारी रखेगा.
क्या है पूरा मामला?
चीन भारत के खिलाफ कूटनीतिक साजिश रचता रहा है. विंटर ओलंपिक्स में भारत को कमजोर साबित करने के लिए चीन ने पीएलए कमांडर ची फबाओ (Chi Fabao) को सम्मानित करने की चाल चली है. चीन ने ची फबाओ को विंटर ओलंपिक्स की मशाल ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी है. चीन को इस हरकत पर दुनियाभर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.