डीएनए हिंदी: क्रिएटिव दिमाग आपसे कुछ भी करवा सकता है और कहीं भी संभावनाएं खोज सकता है. यही बात है कि केरल की एक लड़की ने दुनिया की पहली खाने और पहनने लायक साड़ी बना डाली. वह भी महज 30 हजार रुपए के खर्च से. इस कमाल डिजाइनर का नाम एलिजाबेथ जॉर्ज है. एलिजाबेथ केरल के कोल्लम शहर की रहने वाली हैं और पेशे से एक सेल बायोलॉजी रिसर्चर हैं. हाल ही में उन्होंने B.S.M.S में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है. इसके अलावा, एलिजाबेथ Jacob Bakes (जो डिजाइनर केक बनाता है) और Jacob Florals (इवेंट्स के लिए फूल क्राफ़्ट करता है) की फाउंडर भी हैं.
एलिज़ाबेथ जॉर्ज बताती हैं, “मुझे फैशन डिजाइनिंग और बेकिंग में दिलचस्पी थी. मेरे फ्लोरल और बेकिंग वेंचर के नाम के पीछे भी एक स्टोरी है. 'Jacob' मेरे नानाजी का नाम था. 33 साल पहले पेरुमन रेल हादसे में उनका निधन हो गया था. वे हमेशा से चाहते थे कि उनकी एक बेकरी हो और उनके इस सपने को पूरा करने के लिए मैंने अपने बेकिंग और फ्लोरल वेंचर का नाम "Jacob" रखा”.
एडिबल यानी खाने लायक साड़ी बनाने को लेकर एलिजाबेथ ने बताया, "मैं छत पर थी जब मैंने अपनी मां की साड़ी को सूखने के लिए लटका देखा और तभी मेरे दिमाग में एडिबल साड़ी बनाने का विचार आया”. आपको जानकर हैरानी होगी कि एलिजाबेथ ने यह साड़ी सिर्फ 1 हफ्ते में बनाई थी. उन्होंने साड़ी को अपनी रसोई में ही बनाया और वो भी बिना किसी फैंसी गैजेट की मदद के. उन्होंने इस साड़ी को साधारण से किचन में उपलब्ध सामान के साथ बनाया है. इस साड़ी को बनाने में उन्होंने साड़ी के बेस के लिए स्टार्च आधारित वेफर पेपर का इस्तेमाल किया. स्टार्च आलू से निकाला गया था.
वेफर पेपर एक A4 शीट के आकार का होता है और करीब 100 शीट का इस्तेमाल कर साड़ी की लंबाई 5.5 मीटर की गई. वेफर शीट्स ने ‘कसावु’ के लिए सही बनावट हासिल करने में मदद की. इस पर ट्रेडिशनल पैटर्न बनाने के लिए गोल्डन पाउडर का इस्तेमाल किया गया. इस साड़ी को बनाने में क़रीब 30 हजार रुपए का खर्च आया. इस साड़ी का वजन करीब 2 किलो है.
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