एक्सपायर होने के बाद खतरा बन जाती है लिपस्टिक, ऐसे करें पहचान

| Updated: Dec 13, 2021, 03:16 PM IST

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अगर आप लिपस्टिक सालों-साल चलाती हैं तो सबसे पहले उन्हें चेक करिए. कहीं ये लापरवाही आप पर भारी न पड़ जाए.

डीएनए हिंदी: लिपस्टिक की एक्सपाइरी डेट...बहुत कम ही महिलाएं होती हैं जिन्होंने कभी इस बारे में सोचा होगा. आमतौर पर हम केवल कलर और कलर कोड पर ही ध्यान देते हैं और एक रंग चुनकर बाहर निकल जाते हैं. अगर आप भी अबतक ऐसा करती आई हैं तो कोई बात नहीं इस आर्टिकल को पढ़िए और आगे से ऐसी गलती ना करिएगा. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक एक्सपायर हो चुकी लिपस्टिक आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है.

कैसे करें एक्सपायर हो चुकी लिपस्टिक की पहचान?

एक अच्छी ब्रैंड की लिपस्टिक 12 से 18 महीने चल जाती है. अब अगर आप अपनी लिपस्टिक की ब्रैंड से अनजान हैं तो कोई बात नहीं. हम आपको कुछ ऐसी टिप्स दे रहे हैं जिनकी मदद से आप पहचान पाएंगी कि लिपस्टिक का इस्तेमाल आगे भी कर सकती हैं या फेंकने का टाइम आ गया है.

1- सबसे पहले अपनी लिपस्टिक को सूंघें और उसकी खुशबू महसूस करने की कोशिश करें. अगर उसमें अब भी पहले जैसी खुशबू है तो वह ठीक है लेकिन अगर केमिकल या अजीब तरह की गंद आए तो इसे तुरंत फेंक दें.

2- एक बार लिपस्टिक को अपने हाथ पर लगाकर टेस्ट करें. देखें कि इसमें मॉइश्चर है कि नहीं. अगर यह पहले की तरह स्मूद चल रही है तो ठीक है नहीं तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें.

3- अगर आपके पास लिपस्टिक का पैकेट है उस पर एक्सपाइरी डेट चेक करें.

पुरानी लिपस्टिक से सकते हैं ये नुकसान

1- एक्सपायर हो चुकी लिपस्टिक में इरिटेशन पैदा करने वाले तत्व और बैक्टीरिया बनने शुरू हो जाते हैं. इससे आपके होंठों और उनके आस-पास खुजली हो सकती है. इससे आपके होंठ सूख भी सकते हैं.

2- एक्सपायर हो चुकी लिपस्टिक में लैनोनिन बनने लगता है. इसमें किसी भी चीज को सोख लेने की क्षमता होती है. यह धूल, बैक्टीरिया, वायरल और हवा में मौजूद मेटल को भी सोख सकता है. ऐसे में जब आप पानी पीते हैं या कुछ खाते हैं तो ये आपकी बॉडी में एंटर हो जाते हैं. इससे आपको सेहत से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

3- लिपस्टिक में मौजूद प्रेजर्वेटिव और BHA कार्सिनोजन होते हैं. यह ऐसे पदार्थ या दूसरी चीज़ होती है जिससे शरीर में कर्क रोग हो सकता है. ऐसे में एक्सपायर हो चुकी लिपस्टिक का इस्तेमाल करने से ब्रेस्ट ट्यूमर तक का खतरा रहता है.