Adenovirus infection: बच्चों में एडेनोवायरस का नया खतरा, हजार से ज्यादा बच्चे बीमार, जानें क्या है वजह

ऋतु सिंह | Updated:Feb 20, 2023, 05:30 PM IST

Mystery child hepatitis

COVID और मंकीपॉक्स के प्रकोप के बीच मिस्‍ट्री हेपेटाइटिस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) बच्चों में हेपेटाइटिस फैलने से रोकने के लिए कड़ी नजर बनाए हुए है. मौजूदा मामाले में पर नजर डालें तो एक हजार से ज्‍यादा बच्‍चे इससे ग्रस्‍त हो चुके हैं और हेपेटाइटिस के कारण दर्जनों लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ चुकी है.

डीएनए‍ हिंदी: करीब 35 देशों में मिस्‍ट्री हेपेटाइटिस या लिवर में सूजन के 1,010 से अधिक मामलों की सूचना डब्‍ल्‍यूएचओ को दी है. बता दें कि पहली बार 5 अप्रैल को इस मिस्‍ट्री हेपेटाइटिस के बारे में पता चला था. 8 जुलाई 2022 तक पांच कॉटिनेंट के 35 देशों ने डब्ल्यूएचओ को बच्‍चों में अननोन एटिओलॉजी के मामलों के बारे में जानकारी दी है और यह संख्‍या करीब 1010 तक पहुंच चुकी है. इसमें करीब 22 बच्चों की मौत का भी जिक्र है. लगभग आधे संभावित मामले यूरोप में सामने आए हैं, जहां 21 देशों ने कुल 484 मामले दर्ज किए हैं.


इसमें यूनाइटेड किंगडम में 272 मामले शामिल हैं. यह विश्‍व स्‍तर पर 27 प्रतिशत है. अमेरिका के बाद, जिसके क्षेत्रीय कुल 435 में संयुक्त राज्य अमेरिका में 334 मामले सामने आए हैं. जो दुनिया भर में एक तिहाई मामलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

वहीं, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र (70 मामले), दक्षिण पूर्व एशिया (19) और पूर्वी भूमध्यसागरीय (दो मामले) में है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 17 देशों ने पांच से अधिक संभावित मामलों की सूचना दी है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का दावा है कि बच्‍चों में हेपेटाइटिस के फैलने का जोखिम मॉडरेट स्‍तर पर है.

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मिस्‍ट्री हेपेटाटिस के लक्षण

मिस्‍ट्री हेपेटाइटिस के 100 संभावित मामलों में सबसे अधिक मतली या उल्टी (60 प्रतिशत मामलों में), पीलिया (53 प्रतिशत), सामान्य कमजोरी (52 प्रतिशत) और पेट दर्द (50 प्रतिशत) के संकेत मिले हैं. डब्ल्यूएचओ  का दावा है कि लैब टेस्‍ट में पाया गया कि बच्‍चों में  हेपेटाइटिस ए से ई मौजूद नहीं था. जांच से पता चलता है कि हेपेटाइटिस के गंभीर मामलों में वृद्धि का संबंध एडेनोवायरस से हो सकता है, लेकिन अन्य कारणों का भी सक्रिय रूप से पता लगाया जा रहा है.
क्या है एडेनोवायरस ?
एडेनोवायरस, वायरस का एक बड़ा समूह है जो जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों को भी बड़े पैमाने पर संक्रमित कर सकता है. इनको यह नाम एडेनोइड्स (छाले) से मिला है. एडेनोवायरस कम से कम सात प्रकार के होते हैं. इनमें से दो प्रकार में जेनेटिक वेरिएंट होते हैं. ठीक वैसे ही जैसे हम कोरोना वायरस और अन्य वायरस में देखते हैं. बच्‍चों में ये वायरस गंभीर हेपेटाइटिस के रूप में सामने आया है. 

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स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले बच्चों और वयस्कों में, एडेनोवायरस केवल थोड़ी परेशानी पैदा करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक या दो सप्ताह में एक बीमारी पैदा हो सकती है. एडेनोवायरस से हुए वायरल हेपेटाइटिस संक्रमण को पहले केवल एक दुर्लभ रोग माना जाता था. मामलों की संख्या और बच्चों में बीमारी की गंभीरता को देखते हुए, वैज्ञानिक तत्काल प्रकोप के कारणों की जांच कर रहे हैं. 

Adenovirus के लक्षण 
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एडिनोवायरस में सर्दी, बुखार, गले में खराश और निमोनिया  कई बीमारियों का कारण होता है. बच्‍चों में सबसे तेजी ये हेपेटाटिस का पता चला है. बता दें कि यूरोप में, पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन टेस्ट (पीसीआर) से एडेनोवायरस का पता चला है कि अब तक 52 प्रतिशत बच्चे हेपेटाइटिस के जद में आ चुके हैं. जापान में यह केवल नौ प्रतिशत है. अधिकांश देशों में एडेनोवायरस पर नजर रखने के कारण बच्‍चों में हेपेटाइटिस का हमला नहीं होने पाया है. 


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