डीएनए हिंदी : हाल में एक HIV संक्रमित महिला का संक्रमण दूर किए जाने की ख़बर आई है. इससे इस बात की पुष्टि हुई है कि एड्स लाइलाज नहीं पर मेडिकल की दुनिया अभी उहा-पोह की हालत में हैं. डॉक्टरों का मानना है कि उस महिला के इलाज के लिए अपनाया गया ट्रांसप्लांट का तरीक़ा सब पर लागू नहीं हो सकता है. इन हालात में अभी भी एड्स वैक्सीन और दवाई की राह देखी जा रही है पर दो ऐसे इंजेक्शन और दवाइयां हैं जो इसके ख़तरे को कम कर सकते हैं. इन्हें PEP और PrEP कहा जाता है. जानते हैं कि ये कैसे ऐड्स से बचा सकते हैं -
क्या है PrEP?
प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस या पीआरईपी एक प्रिकॉशनरी दवा है. यह उन लोगों को दी जाती है जिन्हें HIV से ग्रसित होने का डर होता है. सरल शब्दों में यह एचआईवी संक्रमित पार्टनर के साथ किसी भी तरह का यौन संबंध रखने वाले लोगों, सेक्स वर्कर अथवा हस्पताल में कार्यरत लोगों को दी जाती है. ग़ौरतलब है कि पीआरईपी (PrEP) दवा केवल एचआईवी निगेटिव लोगों को दी जाती है ताकि वायरस एक्स्पोज़र होने पर भी उनके संक्रमित होने का डर बहुत कम हो जाए.
यह दवा शुरू करने से पहले ज़रूरी है कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि व्यक्ति HIV संक्रमित नहीं है. डॉक्टर्ज़ दवा का कोर्स पूरा करने के तीन माह बाद भी एक HIV टेस्ट करवा लेने की सलाह देते हैं.
PEP भी बचाता है संक्रमण से
पीईपी का पूरा नाम पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस है. यह दवा उन HIV नेगेटिव लोगों को दी जाती है जिन्हें संक्रमण का ख़तरा हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति किसी किसी भी तरह वायरस के सम्पर्क में आ गया है तो यह दवा उसे संक्रमण से बचाने का काम करती है.माना जाता है कि अगर एक्सपोज़र के 72 घंटे के अंदर पीईपी दवा ली जाती है तो सफलता का दर 98% होता है. PEP दवाई का कोर्स केवल एक महीना चलता है.
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