Polluted Water से रोजाना होती हैं 1400 मौतें, पेट ही नहीं इन अंगों पर भी होता है जानलेवा असर

उर्वशी नौटियाल | Updated:Mar 22, 2022, 12:03 PM IST

World Water day 2022

गंदे पानी की समस्या एक बड़ी चुनौती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार हमें पता भी नहीं होता कि कौनसा पानी साफ है और कौनसा खराब.

डीएनए हिंदी: आज World Water Day है. इस दिन आप कई स्लोगन देखेंगे कि पानी बचाएं, ऐसे बचाएं, वैसे बचाएं लेकिन हम आपको आज पानी से जुड़ी एक और समस्या को लेकर सतर्क करने वाले हैं. अगर आप या आपके आसपास कोई भी ऐसा है जो पीने के पानी को लेकर जागरुक नहीं है. उसे पानी की गुणवत्ता से जुड़ी जानकारी नहीं है तो यह जानकारी उस तक पहुंचाएं और कोशिश करें कि वह और उसका परिवार उन गंभीर बीमारियों से बच सकें जो गंदा पानी पीने या तालाब या गड्ढे में जमा पानी पीने से हो सकती हैं.

गंदे पानी की समस्या एक बड़ी चुनौती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार हमें पता भी नहीं होता कि कौनसा पानी साफ है और कौनसा खराब. कुएं से निकाला गया शुद्ध समझा जाने वाला पानी कई बार सेहत बिगाड़ सकता है. इस बारे में जब हमने डॉक्टर विवेक मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि चाहें हम कहीं भी रहते हों यह जरूरी है कि हम पानी के स्रोत पर ध्यान दें. पानी का स्रोत ऐसा होना चाहिए जहां रेगुलर जांच की जाती हो. चेक किया जाता हो कि पानी में पानी में क्लोराइड और कैल्शियम की मात्रा कितनी है. पानी का टीडीएस लेवल कितना है. कई बार ग्राउंड वॉटर का टीडीएस लेवल भी चार-पांच हजार के करीब होता है. अब आपने तो यह समझ कर पी लिया कि कुएं या तालाब का है स्वच्छ ही होगा लेकिन उसमें मौजूद मिनरल का असंतुलन आपको बीमार कर सकता है. इसलिए आप कह सकते हैं कि ग्राउंड वॉटर हमेशा सेफ नहीं होता.

बच्चों के लिए जानलेवा है गंदा पानी

बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है. खासतौर पर कमजोर वर्ग. पैसों की कमी होती है खाना-पीना ठीक नहीं होता ऐसे में पानी भी भारी नुकसान पहुंचाता है. 7 से 14 साल के बच्चे इन बीमारियों के पहले शिकार होते हैं. आंकड़ों के मुताबिक करीब 1400 बच्चे हर रोज डायरिया से मौत के मुंह में जा रहे हैं. डॉक्टर मिश्रा बताते हैं कि ऐसे केस में सबसे बड़ी कमी जानकारी की होती है. डॉक्टर तो दवा दे रहे होते हैं लेकिन घरवाले पानी के नाम पर वही 'जहर' दे रहे होते हैं. ऐसे में दवा जो थोड़ा-बहुत असर करती है वह पानी की वजह से बेअसर हो जाता है. चार लूज मोशन के बाद बच्चे डीहाइड्रेट होने लगते हैं और इस वजह से जान भी चली जाती है.

डॉक्टर बताते हैं कि डायरिया के अलावा इससे बच्चों के दातों और हड्डियों को भी बहुत नुकसान पहुंचता है. पानी में fluoride ज्यादा होने की वजह से बच्चों के दांत भूरे हो जाते हैं और हड्डियों को भी नुकसान होता है. इनके अलावा गंदे पानी में जो बैक्टीरिया होते हैं उनसे पेट, लीवर और हैपेटाइटिस जैसी बीमारियां भी होती हैं.  

क्या हैं डायरिया के मुख्य कारण

डायरिया पानी की गंदगी के अलावा पर्सनल हाईजीन, रहने का तरीका और साफ-सफाई का ध्यान न रखने पर भी हो सकता है. इससे बचने का एक मूल तरीका यह है कि महिलाओं को जानकारी दी जाए. ताकि वे आस-पास सफाई का ध्यान रखें, खाना पकाने में साफ बर्तनों का इस्तेमाल करें, एक बार में इतना खाना न बनाएं कि बार-बार वही खाना पड़े. मतलब की हर समय ताजा खाना बनाएं. गर्मियों में खाने को लेकर सतर्क रहें. 

पानी को लेकर बरतें ये सावधानियां

अगर आपके पास आरओ, फिल्टर या दूसरी सुविधाएं नहीं हैं तो भी आप अपने लिए साफ पानी का इंतजाम कर सकते हैं. सबसे पहले तो अपने आस-पास पता करें कि सप्लाई का पानी कहां उपलब्ध है. वहां से अपने लिए पानी लाएं. अगर सप्लाई वाले पानी की सुविधा नहीं है आप किसी दूर-दराज के इलाके में रहते हैं तो पानी ले जाने के बाद उसे छानें और उबालें फिर इस्तेमाल करें. पानी के बर्तन को हमेशा ढक कर रखें उसमें हाथ न डुबाएं. एक बात जो सबसे जरूरी है वो यह कि ज्यादा पुराना पानी न पिएं. ऐसा न हो कि आप हफ्तों-हफ्तों के लिए पानी जमा करके रखें. ऐसा साफ पानी भी किसी काम का नहीं. 

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