Shani Dev Aarti Mantra Jaap: शनिदेव की यहां पढ़ें आरती, स्तुति और मंत्र, साढ़े साती और ढैया के कष्ट से मिलेगी मुक्ति

Written By ऋतु सिंह | Updated: Feb 25, 2023, 07:32 AM IST

Shani Dev Aarti Mantra Jaap:  शनिवार को करें शनिदेव की आरती, स्तुति और मंत्र जाप

Shani Dev Aarti Mantra Lyrics: शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जरूरी है कि उनकी पूजा की जाए और उनके कुछ मंत्र और आरती जरूर की जाए.

डीएनए हिंदीः यदि आपके उपर शनि की साढ़े साती या ढैया चल रही तो आपको शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के जड़ में शाम के समय जल चढ़ाना चाहिए और सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. 

शनि की साढ़े साती और ढैया से मुक्ति के लिए जरूरी है कि आप रोज शनि चालिसा, आरती और कुछ मंत्र का पाठ जरूर करें. मान्यता है यदि शनि देव किसी पर प्रसन्न होते हैं तो उनके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं. कुंडली में शनि दोष है तो प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की विशेष पूजा करें. तो चलिए पढ़ते हैं सम्पूर्ण आरती और शनि स्त्रोत.

शनिदेव  की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

दशरथकृत शनि स्तोत्र
 
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।
 
शनिदेव के प्रमुख मंत्र
जानिए शनिदेव की पूजा करते वक्त किन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.

शनि गायत्री मंत्र
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि ।

शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।

शनि स्तोत्र
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।

शनि पीड़ाहर स्तोत्र
सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: ।
दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ।।
तन्नो मंद: प्रचोदयात ।।

शनिदेव को प्रसन्न करने वाले सरल मंत्र
"ॐ शं शनैश्चराय नमः"
"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"
"ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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