सिंगापुर-हॉन्ग कॉन्ग ने बताया MDH, एवरेस्ट के 'कुछ मसालों' को हानिकारक, भारत सरकार ने लिया ये फैसला

बिलाल एम जाफ़री | Updated:Apr 23, 2024, 02:29 PM IST

एमडीएच और एवेरेस्ट के कुछ मसालों को लेकर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग ने चौंकाने वाला दावा किया है 

हांगकांग और सिंगापुर में भारतीय मसाला कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसालों की बिक्री पर बैन लगाया है. जिसके बाद सरकार हरकत में आई है और उसने इन ब्रांड्स के साथ साथ भारत में बिकने वाले तमाम ब्रांड्स के मसालों की क्वालिटी चेक करने की बात की है.

यूं तो दुनिया में तरह तरह के खाने हैं. मगर बात जब जायके की हो, तो स्वाद के लिहाज से इंडियन क्यूजीन का शायद ही किसी से कोई मुकाबला हो. भारतीय व्यंजन क्यों खास हैं? इसकी एक बड़ी वजह उसमें पड़ने वाले मसाले हैं. इन बातों को जानने के बाद अगर कोई आपसे ये कहे कि इन्हीं मसालों के चलते भारत की किरकिरी हो रही है. तो शायद आप यकीन न करें, लेकिन ये सच है. सिंगापुर ने एवरेस्ट और एमडीएच जैसे इंडियन ब्रांड्स के कुछ मसालों पर प्रतिबंध लगाया है. स्थिति कैसी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि वहां बाजार से इन मसालों की वापसी का भी आदेश दिया गया है.

हॉन्ग कॉन्ग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं से इन उत्पादों को न खरीदने और व्यापारियों से इसकी बिक्री ना करने को कहा है. वहीं बात अगर सिंगापुर की हो तो वहां की खाद्य एजेंसी ने ऐसे मसालों को वापस लेने का निर्देश दिया है. '

दरअसल एवरेस्ट और एमडीएच के चार मिक्स मसाला उत्पादों में स्वीकार्य सीमा से अधिक कीटनाशक 'एथिलीन ऑक्साइड' पाए जाने का दावा किया गया. जिसके बाद हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर ने इन प्रोडक्ट्स की खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है.  ध्यान रहे कि हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर द्वारा लिए गए इस फैसले से सकते में आए भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है.

गौरतलब है कि भारतीय मसाला बोर्ड भारतीय ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पादों की बिक्री पर हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की जांच कर रहा है. प्रतिबंध के बाद भारत सरकार ने इन मसालों की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं. बताया जा रहा है कि एवरेस्ट और एमडीएच के अलावा भी सरकार देश में बिकने वाले अन्य  कंपनियों के मसालों की क्वालिटी चेक करेगी. 

FCCI ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग की भारतीय कंपनी के मसालों पर कार्रवाई के बाद देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांड के मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया है. FCCI ये चेक करेगी कि एवरेस्ट और एमडीएच समेत अन्य ब्रांड के मसाले  मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं.

क्या है 'एथिलीन ऑक्साइड'

'एथिलीन ऑक्साइड' के विषय में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार यह एक गंधहीन केमिकल है. इसकी ज्यादा मात्रा मानव शरीर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती है और यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का प्रमुख कारण भी बन सकती है. 

मसालों को लेकर क्या कहता है बाजार 

क्योंकि दुनिया भर में भारतीय स्वाद का जादू छाया है और मसाले ही इसकी यूएसपी हैं. इसलिए जो बाजार तैयार हुआ है वो हमारी सोच और कल्पना से परे हैं. ज्ञात हो कि 2022 में भारतीय मसाला बाजार का राजस्व लगभग 87,000 करोड़ रुपये आंका गया था जिसकी 2030 तक 2,000,000 करोड़ रुपये तक विस्तार की संभावनाएं हैं. 

डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

भारत सरकार बैन बीमारी कैंसर कैंसर का खतरा