डीएनए हिंदी: अंडर-19 विश्व बैडमिंटन महिला सिंगल्स में तसनीम मीर ने टॉप पर पहुंच कर देश का नाम ऊंचा कर दिया है. इस उपलब्धि से उत्साहित 16 साल की तसनीम भविष्य में साईना नेहवाल और पीवी सिंधु की तरह देश के लिए मेडल जीतना चाहती हैं. उनसे हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA (अंग्रेजी) ने बातचीत की है.
.
देश के लिए गर्व के पल कमाने की तमन्ना
तसनीम से जब उनकी उपलब्धि के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अच्छा लगता है. मुझे जो भी तारीफ मिल रही है उसे देखकर बहुत खुश हूं. मैं भविष्य में साईना और सिंधु के लेवल पर पहुंचकर देश के लिए गर्व के पल कमाना चाहती हूं. अभी तो मैं उनके बिल्कुल भी आस-पास नहीं हूं. साईना और सिंधु से तुलना की बात पर उन्होंने कहा कि मुझे अच्छा लगता है कि इतने बड़े खिलाड़ियों के साथ मुझे देखा जा रहा है. मैं भी उनकी तरह ओलिंपिक मे भारत के लिए खेलना चाहती हूं.
पढ़ें: Saina Nehwal पर भद्दा ट्वीट करना एक्टर Siddharth को पड़ा महंगा
'उम्मीद नहीं थी नंबर वन बनने की'
नंबर वन बनने के अनुभव पर तसनीम कहती हैं, 'पहले तो मैंने एक्सपेक्ट ही नहीं किया था कि ये होगा. इसकी वजह है कि लास्ट ईयर ही मैंने जूनियर सर्किट खेलना छोड़ दिया था. उस टाइम कोविड की वजह से नई रैंकिंग नहीं जारी की गई थी और तब मैं वर्ल्ड नंबर 2 थी. मुझे लगा था कि यही मेरी फाइनल रैंकिंग होगी. लास्ट ईयर मैंने 2 टूर्नामेंट खेले थे बेल्जियम और फ्रांस में जिनकी वजह से मेरी रैंकिंग नंबर वन हुई.'
पिता भी हैं बैडमिंटन कोच
बैडमिंटन खेलने के अपने सफर के बारे में उन्होंने बताया कि मैं 6 या 7 साल की थी जब मेरे पिता स्टेडियम लेकर गए. मेरे पापा भी बैडमिंटन कोच हैं. वहां मैंने ट्रेनिंग शुरू की और फिर राज्य स्तर के टूर्नामेंट में हिस्सा लेना शुरू किया था. तसनीम के पिता इरफान मीर ने कहा कि जब इसकी ट्रेनिंग शुरू हुई तो ये काफी अच्छा करने लगी थी. फिर हमने इस खेल को पूरी गंभीरता से लेना शुरू किया और धीरे-धीरे नतीजे भी आने लगे हैं.
तस्वीर: शशि थरूर के Twitter अकाउंट से साभार