डीएनए हिंदी: बड़े बुजुर्गों का कहना है कि जब हमें कोई याद करता है तो हिचकी (Hiccup) आती है लेकिन यह सही तर्क नहीं है. इसके पीछे साइंटिफिक कारण भी होता है तो आइए जानते हैं कि हिचकी क्यों आती है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है.
कब आती है हिचकी?
मेडिकल साइंस के मुताबिक, सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान फेफड़ों में हवा भर जाती है. इस वजह से सीने और पेट के बीच का हिस्सा जिसे डायाफ्राम कहते हैं, उसमें कंपन होती है और वह सिकुड़ जाता है. इस थरथराहट से सांस लेने का फ्लो टूट जाता है और हिचकी आने लगती है.
इसके अलावा हिचकी आने का एक कारण पेट से भी जुड़ा है. खाना खाने या गैस के चलते जब पेट बहुत ज्यादा भर जाता है तो उससे भी हिचकी आने लगती है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, पाचन या श्वास नली में अत्यधिक हलचल व गड़बड़ी से व्यक्ति को हिचकी आ सकती है. ज्यादा मसालेदार व तीखा भोजन करने से और शराब के अत्यधिक सेवन के कारण भी लोगों को हिचकी होने लगती है. वहीं जो लोग जल्दबाजी में बिना चबाए खाने को सीधे निगलने की कोशिश करते हैं, उन्हें भी कई बार हिचकी आने लगती है.
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क्यों आती है ऐसी आवाज?
हिचकी के दौरान आने वाली आवाज का संबंध वोकल कॉर्ड से जुड़ा है. दरअसल डायाफ्राम के सिकुड़ जाने से वोकल कॉर्ड (Vocal Cords) क्षण भर के लिए बंद हो जाती है जिसके चलते मुंह से हिचकी की ध्वनि निकलने लगती है.
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