डीएनए हिंदी: 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में इस बीमारी से लड़ने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक क्या-क्या नई खोज कर रहे हैं, यह जानना जरूरी है लेकिन इससे पहले जानते हैं कि कैंसर होता क्या है.
क्या होता है कैंसर?
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से मिलकर बना हुआ है. इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है लेकिन कभी-कभी किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं और इसे ही कैंसर कहा जाता है.
अगर सही समय पर इसका इलाज न करया जाए तो ये सेल्स लगातार बढ़ती रहती हैं और इम्बैलेंस तरीके से शरीर मे विभाजित होते रहती हैं.
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नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने अपनी एक अनोखी खोज के प्रारंभिक रिजल्ट बताए हैं. वैज्ञानिक एक ऐसा टेस्ट डेवलप कर रहे हैं जिसकी मदद से 4 प्रकार के कैंसर की जांच एक साथ की जा सकेगी. इसे खासतौर पर महिलाओं के लिए तैयार किया जा रहा है.
रिपोर्ट मैं बताया गया कि इस टेस्ट के जरिए ओवेरियन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर का पता लगाया जा सकेगा.
ओवेरियन कैंसर
ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर (Uterus Cancer) में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं. इसके होने के बाद गर्भधारण करने में महिलाओं को समस्या आती है. साथ ही गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज होने लगती हैं. 75% मामलों में ओवेरियन कैंसर का पता आखिरी स्टेज में चलता है लेकिन तब तक ट्यूमर फैल चुका होता है.
ब्रेस्ट कैंसर
भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर के कुल मामलों में से 27% केस ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं. जागरूकता की कमी के चलते इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है.
सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर योनि और गर्भाशय ग्रीवा के जंक्शन पर कोशिकाओं में होता है. गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का निचला हिस्सा है जो योनि को गर्भाशय के मुख्य शरीर से जोड़ता है.
दुनिया भर में हर मिनट एक महिला को सर्वाइकल कैंसर होता है. इसके सबसे ज्यादा मामले चीन और भारत में हैं. WHO का लक्ष्य साल 2050 तक सर्वाइकल यानी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के 40% तक नए मामलों को घटाना है और 5 लाख मौतों को कम करना है.
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एंडोमेट्रियल कैंसर
एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer) गर्भाशय के अस्तर को प्रभावित करता है. यह महिलाओं के यूट्रस में बनना शुरू होता है. गर्भाशय की लेयर में कैंसर को गर्भाशय कैंसर या एंडोमेट्रियल कैंसर कहा जाता है. ज्यादातर 55 साल की उम्र से ज्यादा की महिलाओं को ये बीमारी होती है.
वहीं वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट को वुमन कैंसर रिस्क आइडेंटिफिकेशन टेस्ट (WID Test) नाम दिया है.
क्या कहती है रिसर्च?
रिसर्च में यूरोप के 15 सेंटर्स में लगभग 2,000 महिलाओं को शामिल किया गया. इन महिलाओं को तीन कैटेगरी में बांटा गया. पहली कैटेगरी की महिलाओं को ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर था, दूसरी कैटेगरी में ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जिनमें इस कैंसर के होने का खतरा था. वहीं तीसरी कैटेगरी में पूरी तरह से स्वस्थ महिलाएं थीं. इसके बाद इन सभी महिलाओं के सर्वाइकल सेल्स की जांच WID टेस्ट की मदद से की गई.
टेस्ट ने महिलाओं के डीएनए को एनालाइज किया. इससे उनकी जेनेटिक कैंसर हिस्ट्री पता चली. जिन लोगों को भविष्य में कैंसर का खतरा हो सकता है, उनके लिए ये टेस्ट बहुत फायदेमंद है. कहा जा रहा है कि मौजूदा कैंसर टेस्ट के मुकाबले WID टेस्ट महिलाओं के लिए कैंसर से लड़ने में एक कारगर हथियार साबित हो सकता है.