World TB Day: 2025 तक इस बीमारी को भगाने का है लक्ष्य, कैसे होगा पूरा?

| Updated: Mar 23, 2022, 10:48 PM IST

हर साल 24 मार्च को World TB Day के तौर पर मनाया जाता है. इस साल वर्ल्ड टीबी डे की थीम 'Invest to End TB. Save Lives' है.

डीएनए हिंदी: 24 मार्च को दुनिया भर में वर्ल्ड टीबी डे के तौर पर मनाया जाता है. साल  1882 में डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की खोज की थी जोकि टीबी की बीमारी का कारण बनता है. इस दिवस को मनाने मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में इस सांस की बीमारी में जागरूकता फैलना है. इस साल की थीम है, टीबी को जड़ से मिटाने में निवेश करें और जिंदगी बचाएं. 

क्या है टीबी की बीमारी
टीबी की फुल फॉर्म ट्यूबरकुलोसिस (tuberculosis) है. इसे आम भाषा में तपेदिक या क्षय रोग भी कहा जाता है. यह एक संक्रामक रोग है जो ज्यादातर फेफड़ों को प्रभावित करता है. ऐसा माना जाता है कि यह फेफड़ों के अलावा रीढ़, दिमाग या गुर्दे जैसे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है.

इन तरीकों से फैलता है टीबी
-आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं जिसे टीबी की बीमारी है या होने का संदेह है
-इम्यून सिस्टम कमजोर होना या कम होना जैसे कि बच्चे और बूढ़े लोग
-किडनी की बीमारी, डायबिटीज या अन्य पुरानी (दीर्घकालिक) बीमारी वाले लोग
-ऐसे लोग जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो
-ऐसे लोग जिन्हें कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी ली हो या इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर के लिए कोई उपचार लिया हो

 

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भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य
मोदी सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में टीबी के सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर साल दुनिया में जितने टीबी के मरीज सामने आते हैं, उनमें से सबसे ज्यादा मामले भारत में होते हैं. WHO की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के कुल टीबी मरीजों में से 26% टीबी मरीज भारत में ही हैं. 

टीबी मरीजों के निशुल्क इलाज की है व्यवस्था 
भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड पर सरकार और अन्य संस्थाएं काम कर रही हैं. किसी भी मरीज की टीबी की जांच सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क होती है. अगर किसी मरीज को टीबी की बीमारी है भी तो उन्हें स्वास्थ्य केंद्र से दवाई का पूरा डोज निशुल्क दिया जाता है.

 

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