डीएनए हिंदीः शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होने के पीछे की कुछ वजह होती है. जैसे कुछ लोगों के अचानक सीने में दर्द (Chest Pain) शरू हो जाता है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कुछ लोग सीने में दर्द को हार्ट अटैक का लक्षण समझ लेते हैं लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है. सीने में दर्द होना किसी और समस्या की ओर भी संकेत कर सकता है. ऐसे में खुद का ख्याल रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं सीने में होने वाली दर्द के पीछे के कारण (Chest Pain Reasons)और ख्याल रखने के तरीकों के बारे में.
सीने के दाईं तरफ दर्द होने के कारण
एनजाइना हृदय की समस्या का लक्षण है. ऐसे में अगर आपके सीने के दाईं तरफ दर्द हो रहा है तो इसके पीछे का कारण एनजाइना हो सकता है. सीने में दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण एनजाइना की समस्या की वजह से देखने को मिल सकते हैं. हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने पर एनजाइना होता है.
गैस या एसिडिटी तो नहीं है वजह?
खानपान से जुड़ी गलत आदतों की वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है. अक्सर लोग मसालेदार भाजन खा लेते हैं जिसे बनाते वक्त सही तेल और पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसी वजह से ही गैस की समस्या भी शुरू होती है. ऐसे में सीने के दाईं तरफ दर्द होने के पीछे का कारण गैस या एसिडिटी भी हो सकती है.
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मायोकार्डिटिस के बारे में जानिए
सीने में दर्द होने के पीछे का एक कारण मायोकार्डिटिस भी हो सकता है. मायोकार्डिटिस होने पर दिल की मांशपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. मायोकार्डिटिस होने पर दिल में कमजोरी आ जाती है जिस वजह से सीने में दाईं तरफ दर्द शुरू हो सकता है.
कार्डियोमायोपैथी के लक्षण हैं ये
कार्डियोमायोपैथी होने पर हृदय की मांसपेशियां मोटी और सख्त हो जाती है. ऐसे में सीने में दर्द होने के पीछे का कारण कार्डियोमायोपैथी भी हो सकता है. इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, घबराहट और पेट में सूजन होना भी कार्डियोमायोपैथी के लक्षण है. इस समस्या से बचने के लिए जीवनशैली में सुधार करने की जरूरत होती है.
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ऐसे करें बचाव
सीने में दर्द होने की समस्या से बचने का लिए सबसे बढ़िया तरीका है कि आप अपनी जीवनशैली में सुधार करें. खानपान का ध्यान करें. इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज और योगा करनी चाहिए जिससे शरीर में लचीलापन आता है. साथ में फाइबर की भी अच्छी मात्रा लेनी चाहिए. इससे दिल की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. किसी भी तरह के धुम्रपान और शराब आदि पीने से भी बचना चाहिए.
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