Hearing Loss Effect: क्या कम सुनने वाले बुजुर्ग बात भी कम करने लगते हैं?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 05, 2022, 05:26 PM IST

speech and hearing loss: सांकेतिक चित्र

Hearing Loss Effect: अधिकांश समय यह देखा गया है कि जिन लोगों की सुनने की क्षमता कम हो जाती है उनमें चिड़चिड़ापन अधिक आ जाता है. ऐसा क्यों होता है?

डीएनए हिंदी: बहरापन (Hearing Loss Effect) वयस्कों में बोलने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. लेकिन यह उस तरह नहीं होता है जैसा हम सोचते हैं. यह मुख्य रूप से भाषा को बोलने के बजाय भाषा को समझने की क्षमता को प्रभावित करता है. इसका मतलब यह है कि वयस्क लोगों में बहरापन न केवल मस्तिष्क संबंधी समस्या है बल्कि इससे बोलने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है. वयस्क लोगों में बहरापन अक्सर समझने की क्षमता को प्रभावित करता है कि दूसरे लोग क्या कह रहे हैं. 

जिन लोगों में समझने की क्षमता कम होती जाती है उनमें बातचीत के दौरान कई समस्याएं आती हैं, जैसे दूसरों की भवनाओं को समझने वे इतने सक्षम नहीं हो पाते हैं. एक शोध में यह सामने आया था कि जिन लोगों में सुनने की क्षमता कम या खत्म हो जाती है उन्हें बतचीत के दौरान भावनाओं को समझने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में वे निराशा, शर्मिंदगी और तनाव को महसूस करते हैं. इससे वह अधिक अकेलापन और सामाजिक अलगाव भी महसूस करते हैं. यही कारण है कि अधिकांश समय यह देखा गया है कि जिन बुजुर्गों में यह समस्या होती है वे कभी-कभी चिड़चिड़े हो जाते हैं. 

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क्या है इससे निजात पाने का उपाय? (Hearing Loss Treatment)

इस समस्या से लड़ने में हीयरिंग एड का इस्तेमाल किया जाता है. व्यक्ति की समस्या के मुताबिक हीयरिंग एड का इस्तेमाल करने से उसकी सुनने की क्षमता के साथ-साथ संचार की क्षमता को सुधारा जा सकता है. हीयरिंग एड से सुनने, बलने और दिनचर्या के सभी कार्यों में भाग लिया जा सकता है. लेकिन अगर बहरापन किसी गंभीर बीमारी या एक्सीडेंट के कारण हुआ है तो उस स्थति में यह उपकरण काम नहीं आएगा. 

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