डीएनए हिंदी: ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. जिनका असर हर आयु के लोगों पर पड़ रहा है. लेकिन बढ़ती उम्र में इसका असर और गंभीर हो जाता है जिसके कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. हाइपरथर्मिया (Hyperthermia) उसी में से एक है. जानकारों की मानें तो हाइपरथर्मिया से जान गवाने वालों में ज्यादातर लोग 50 साल की उम्र से ज्यादा होते हैं.
क्या होती है Hyperthermia बीमारी?
जब लंबे समय तक शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा होता रहता है तो इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. ऐसा मौसम में तापमान बढ़ने के कारण होता है. इसमें ज्यादा खतरा Heat Stroke का होता है जो कई मायनों में खतरनाक होता है. हीट क्रैम्प भी इसका एक हिस्सा होता है.
Heat Stroke में तुरंत चाहिए चिकित्सा मदद
जब शरीर का तापमान 40 डिग्री से ज्यादा हो जाता है तो हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सही समय पर इलाज जरूरी होता है. यह खतरा वृद्ध लोगों में तब और भी ज्यादा होता है जब वे सही वेंटीलेशन वाले कमरे में, ए.सी वाले कमरे में नहीं रहते हैं.
क्या है इस बीमारी के लक्षण
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कैसे करें इससे बचाव?
इस बीमारी से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें. साथ ही सब्जी या फलों के जूस का सेवन करें. अगर बीच में शरीर का तापमान बढ़ता है तो तो ठंडे पानी से नहाएं. लू के समय घर से बाहर निकलने से बचें. साथ ही कैफीन और शराब के सेवन से भी बचें.
किन लोगों को इस बीमारी से है सबसे ज्यादा खतरा
जो लोग अधिक मात्रा में शराब पीते हैं या जिनकी उम्र 50 से अधिक हो गई है वे इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ सकते हैं. व्यक्ति को अगर हाई बीपी है या हार्ट संबंधित बीमारी है तो उन्हें भी सचेत रहने की जरूरत है.
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