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Rabindranath Tagore Jayanti 2022: प्यार के बारे में यह खास बात कहते हैं गुरुदेव

Rabindranath Tagore Jayanti 2022: गुरुदेव न केवल साहित्य का नोबेल पाने वाले पहले भारतीय थे बल्कि उनकी रचना में प्रेम और जीवन का सार भी मिलता है.

Rabindranath Tagore Jayanti 2022: प्यार के बारे में यह खास बात कहते हैं गुरुदेव
रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती 2022

डीएनए हिंदी: आज (9 मई) पूरा देश गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ( Rabindranath Tagore Jayanti 2022 ) की 161वीं जयंती मना रहा है. कोलकाता में जन्में रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 में हुआ था. यह बैशाख की एक खास तिथि थी. गुरुदेव के चाहने वाले बैशाख तिथि और 7 मई दोनों दिन उनका जन्मदिन मनाते हैं. इस बार वह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार  आज 9 मई को है. 

 रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्रगान के रचयिता थे, साथ ही उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' की भी रचना की थी. बता दें कि गुरुदेव ने मात्र आठ वर्ष की उम्र में कविता लेखन आरंभ कर दिया था. 16 साल की आयु में उन्होंने 'भानुसिम्हा' नाम से अपने कविताओं का पहला संग्रह प्रकाशित किया गया था.

गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर वह पहले गैर-यूरोपीय हैं जिन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया. राष्ट्रभक्ति पर लिखी उनकी कविताओं को आज भी दोहराया जाता है. आइए उनकी जयंती पर जानते हैं कुछ अनमोल विचार. 

  • प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता देता करता है

  • मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती

  • तितली महीने नहीं क्षण गिनती है और उसके पास पर्याप्त समय होता है

  • हमेशा तर्क करने वाला दिमाग वह धारदार चाकू है जो प्रयोग करने वाले के हाथ से ही खून निकाल देता है

  • यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जायेगा

  • समय परिवर्तन का धन है, परन्तु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं

  • प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है

  • प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है

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  • मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती

  • चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है

  • विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है, और गाने लगता है

  • संगीत दो आत्माओं के बीच के अनंत को भरता है

  • प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है

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