World Maternal Mental Health Day 2022 - हर पांच में से एक मां बच्चे के जन्म के बाद होती है तनाव का शिकार

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 04, 2022, 10:00 PM IST

सांकेतिक चित्र

World Maternal Mental Health Day 2022 पर जानिए उस बीमारी के बारे में जिससे हर पांच में एक महिला पीड़ित है.

डीएनए हिंदी: दुनिया में बच्चे के कदम रखने से मां का जीवन पूरी तरह बदल जाता है. बच्चे की देखभाल, दिन-रात जागना, उसका भरण-पोषण करना यह सब मां के जीवन का हिस्सा बन जाता है. अक्सर देखा जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद मांएं अचानक चिड़चिड़ी हो जाती हैं, छोटी-छोटी बात पर खीझती हैं. कई बार इसका कारण होता है प्रसव के बाद के अवसाद या पोस्टपार्टम डिप्रेशन.  यह डिप्रेशन कई कारणों से होता है. डेटा के अनुसार भारत में हर पांच में से एक महिला इस बीमारी ( Postpartum Depression ) की शिकार है. 

विशेषज्ञों की मानें तो बच्चे के जन्म के बाद 80 प्रतिशत महिलाएं तनाव का शिकार होती हैं. जिनमें से 15 प्रतिशत महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं. इससे महिलाओं में नकारात्मक भाव बढ़ जाता है. वे कई बार इस वजह से बहुत रोती हैं. हिंसक प्रवृत्ति भी बढ़ने लगती है. इसे सही उपचार से और परिवार के सहयोग से ही ठीक किया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या है पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण और उपाय. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन ( Postpartum Depression ) के कारण. 

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पोस्टपार्टम डिप्रेशन ( Postpartum Depression ) से मुक्ति

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