डीएनए हिंदी: World No Tobacco Day 2022 पर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO ने एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें बताया है कैसे धूम्रपान हमारी दुनिया को जहर से भर रहा है. डबल्यूएचओ की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि तंबाकू उद्योग सभी के लिए सबसे बड़ा खतरा है क्योंकि यह विश्व में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक है. रिपोर्ट में बताया गया कि हर साल करीब 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से जान गंवा देते हैं. वहीं तंबाकू के पत्तों का सबसे बड़ा उत्पादक चीन, ब्राजील और भारत है. चीन तो करीब 3.2 बिलियन मीट्रिक टन तंबाकू के पत्तों का उत्पादन करता है. आइए जानते हैं कैसे तंबाकू का सेवन मनुष्य के लिए और वातावरण के लिए एक अभिशाप है.
किस तरह है तबाकू व्यक्ति और विश्व के लिए अभिशाप?
- अनुमान के अनुसार करीब 600 मिलियन पेड़ों के कटने का कारण तंबाकू उद्योग ही है. वैश्विक स्तर पर देखें तो विश्व के 5% वनों की कटाई में तंबाकू की खेती जिम्मेदार है. इससे जल स्रोतों में भारी गिरावट आई है.
- बता दें कि तंबाकू उत्पादन में 2 लाख हेक्टेयर जमीन और 22 बिलियन टन पानी का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में भी इसका बहुत बड़ा हाथ है.
Smoking: सिगरेट की लत से आपकी सेहत ही नहीं पर्यावरण भी हो रहा है बर्बाद, जरूर पढ़ें WHO की ये रिपोर्ट
- सिगरेट के बट यानि उसका फ़िल्टर प्लास्टिक प्रदूषण फैलाने में सबसे बड़ा जिम्मेदार है. इसके फ़िल्टर में सूक्ष्म प्लास्टिक होते हैं तो समुद्र और जल स्रोतों में जमा होकर विश्व में प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार यह विश्व में प्रदूषण फैलाने के लिए दूसरे स्थान पर है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी बड़े नेताओं और नीति निर्माताओं से यह अनुरोध किया है कि सिगरेट के फ़िल्टर पर प्रतिबंध लगाया जाए. उसे यह बताया कि इस गंदगी को साफ करने के लिए करदाताओं का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. एजेंसी ने बताया कि इस गंदगी को साफ करने के लिए चीन करीब 2.6 बिलियन डॉलर, भारत करीब 766 मिलियन डॉलर, ब्राजील और जर्मनी करीब 200 मिलियन डॉलर का भुगतान करते हैं.
World No Tobacco Day : हर साल 80 लाख जान सिर्फ Smoking की वजह से जाती है
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.