World Rainforest Day 2022: दुनिया में हैं केवल 3% वर्षावन, भारत में इन जगहों पर ले सकते हैं इनका आनंद

Written By शांतनू मिश्र | Updated: Jun 21, 2022, 10:45 PM IST

सांकेतिक चित्र

World Rainforest Day 2022 का दिन दुनियाभर में वर्षावनों के बचाव और उनके प्रति जागरूकता के लिए मनाया जाता है.

डीएनए हिंदी: कल यानि 22 जून 2022 को पूरा विश्व World Rainforest Day 2022 मनाएगा. यह दिन दुनियाभर में वर्षावनों के बचाव और उनके प्रति जागरूकता के लिए मनाया जाता है. वर्षावनों को प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों में गिना जाता है. बता दें कि World Rainforest Day की शुरुआत 22 जून 2017 को हुई थी. पर्यावरण के प्रति काम कर रहे एक संस्थान ने दावा किया है कि जो 6 मिलियन वर्ग मील वर्षावन दुनियाभर में कभी मौजूद थे, वह अब घट कर 2.4 मिलियन वर्ग मील ही रह गए हैं. इसमें सबसे बड़ा हाथ वनों की कटाई यानि Deforestation का है. आइए जानते हैं वर्षावनों के विषय में कुछ रोचक तथ्य और भारत में कहां ले सकते हैं इनका आनंद. 

World Rainforest Day 2022: वर्षावनों के विषय में कुछ रोचक तथ्य

  • अगर बात करें दुनिया के सबसे बड़े वर्षावन की तो वह अमेज़न वर्षावन है. यह 5.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर, 1.4 बिलियन एकड़ से अधिक में फैला हुआ है, और इसकी पहुंच नौ दक्षिण अमेरिकी देशों तक है. 

  • वर्षावनों की खास बात यह है कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले आधे से अधिक पौधे और जानवरों की प्रजातियां यहां पाई जाती हैं. साथ ही एक शोध में यह बात भी सामने आई है कि 60% से ज्यादा कैंसर रोधी दवाएं प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न होती हैं, जिनमें वर्षावन के पौधे भी शामिल हैं. 

  • लगभग 1.6 अरब लोग यानि विश्व की 25% से अधिक आबादी अपने जरूरतों के लिए इन्हीं प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर करती है. लेकिन विशेषज्ञ यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि आने वाले 100 सालों में यह सभी वर्षावन पृथ्वी से विलुप्त हो जाएंगे. 

  • यह वर्षावन कई अनोखे जानवरों का बसेरा है. उदाहरण के लिए, तपीर एक अनोखा जानवर है जो एक एंटीटर और सुअर के मध्य की किसी प्रजाति की तरह दिखता है और यह दक्षिण अमेरिका और एशिया के वर्षावनों में पाया जाता है. एक ऐसा ही अनोखा जानवर है सिल्वरबैक गोरिल्ला जो मध्य अफ्रीका के वर्षावन में रहता है.

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भारत में किन वर्षावनों का आप ले सकते हैं आनंद 

भारत कई सुंदर वर्षावनों का घर है जहां व्यक्ति प्रकृति से बड़े ही करीब से जुड़ सकता है. इन वर्षावनों की खास बात यह है कि इनकी विशेषताएं एक दूसरे से काफी अलग हैं. 

वेस्टर्न घाट (Western Ghat) में पाई जाती हैं करीब 4 हजार प्रजातियां

दक्षिण भारत के कई राज्यों में अच्छी मानसून में भारत के वेस्टर्न घाट का योगदान सबसे अधिक है जो महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है. यह वर्षावन करीब 4000 प्र्जातियां पाई जाती हैं.  इन वर्षावनों के मनमोहक दृश्य देश-विदेश के लाखों पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाता है. 

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पाए जाते हैं देश के सबसे सुंदर वर्षावन 

भारत के पूर्वोत्तर भू-भाग के वर्षावन वेस्टर्न घाट से कम आबादी वाले हैं जिस वजह से यहां प्राकृतिक सुंदरता अधिक देखने को मिलती है. यह वर्षावन असम के उत्तर से नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है. इन्हीं वर्षावनों के कारण इन सभी क्षेत्रों भारी वर्षा होती है जिस वजह से यहां सालभर हरियाली बनी रहती है. 

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