ट्राइब्स बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का जिम्मा उठा रहीं नीतू जोशी, फिस से लेकर किताबें तक दे रही ये संस्था
ट्राइबल्स की मदद
आदिवासी और गरीब बच्चों की शिक्षा पूरी हो सके इसके लिए मियाम चैरिटेबल ट्रस्ट काम कर रही है,
डीएनए हिंदीः गढ़चिरौली के नक्सली क्षेत्रों में आदिवासी, बेहद गरीब और माता-पिता रहित बच्चों की देखरेख के लिए मियाम चैरिटेबल ट्रस्ट पिछले एक साल से कई उल्लेखनीय काम कर रहा है. सामुदायिक विकास के प्रति ट्रस्ट की अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण नासिक के पास के गांवों में तत्काल जरूरतों को पूरा कर कर रही है.
ट्रस्ट नीतू जोशी ने शिक्षा सतत रूप से जारी रहे इसके लिए स्कूलों में टेबल और किताबें देने के साथ गरीब बच्चों की फीस तक मुहैया करा रही हैं. गांवों में शैक्षिक संसाधनों को बढ़ाने और छात्रों के पास उनकी ज़रूरत के उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं. वडगांव पिंगला टीटी में ग्राम पंचायत कार्यालय को एक महत्वपूर्ण दान दिया गया. सिन्नर, प्रतियोगी परीक्षाओं और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने वाले 50 छात्रों को ट्रस्ट ने कई तरह से मदद दी ताकि उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आ सके.
ट्रस्ट ने एक नेक पहल की है, जिसमें बच्चों की शिक्षा की कुल फीस और आवश्यक किताबें और संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. शिक्षा के अलावा अब ट्रस्ट माता-पिता रहित बच्चों की मदद करने , पुनर्वनीकरण, पशु कल्याण परियोजनाओं में योगदान देने के साथ ही जल संरक्षण के लिए भी काम कर रही है. मियाम चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी संजय मित्तल का कहना है कि संस्था एक आशा की किरण के रूप में कार्य करती है, जो दूरदराज के क्षेत्रों में बहुमुखी चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
नीतू जोशी कहती हैं कि ट्रस्ट करुणा और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता द्वारा निर्देशित अपने मिशन को जारी रखने के लिए तत्पर है.
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