डीएनए हिंदी : बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर हो इसके लिए स्टूडेंट्स को तन-मन से स्वस्थ रहना होगा. इसके लिए बेहतर माध्यम योग हो सकता है. योग से शरीर तो स्वस्थ रहता ही है, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह मददगार है. इसीलिए कहा जाता है कि छात्र जीवन के तनाव को दूर करने में योग बहुत सहायक होता है. इसकी मदद से याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है.
तो बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को ध्यान में रखते हुए आज ऐसे 5 योगोसनों के बारे में बता रहे हैं जिनसे शरीर तो स्वस्थ रहता ही है, इन्हें करने से दिमाग भी तेज होता है और मेमोरी पॉवर भी बढ़ती है. खास बात यह कि ये योगासन कोई बहुत मुश्किल नहीं हैं. इन्हें आसानी से किया जा सकता है.
प्राणायाम
अगर स्टूडेंट प्राणायाम की प्रैक्टिस रेगुलर करे तो टेंशन का नामो-निशान मिट जाता है. हर स्थिति में वह सहज बना रह सकता है. जाहिर है ऐसी स्थिति में वह पढ़ाई में ढंग से कंसंट्रेट कर सकता है. प्राणायाम में दो क्रियाएं जुड़ी हैं - अनुलोम और विलोम. इस योग को करने के लिए बैठने की मुद्रावाले किसी भी आसान, जिसमें आपको आराम मिलता हो (पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन) बैठ जाएं, फिर दाहिने हाथ के अंगूठे से अपने नाक के बाएं छेद को बंद कर लें. फिर नाक की बाईं छेद से 4 तक की गिनती में सांस भरें और फिर इस छेद को अंगूठे की बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें. इसके बाद नाक की दाहिनी छेद पर से अंगूठा हटा दें और सांस को 8 की गिनती से बाहर निकालें. सांस लेने और छोड़ने की यह प्रक्रिया अब की दूसरी छेद से भी करें. इस प्राणायाम को 5 से 15 मिनट तक कर सकते हैं.
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सुखासन
योग की सबसे आसान क्रिया है सुखासन. खास बात यह कि आसान होने के साथ यह सबसे ज्यादा लाभदायक भी. इसको करने से मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति मिलती है. सुखासन का मतलब ही है सुख का आसन. इस आसन के लिए पालथी मारकर बैठ जाएं. रीढ़ की हड्डी और गर्दन एक सीध में रहेगी. दोनों हथेलियां आपके पालथी के आसन में मुड़े घुटनों के पास होंगी. अपने मित्रों के बीच 'बेस्ट' का इशारा करने के लिए जैसे अंगूठे और उसकी बगल की अंगुली से गोल का साइन बनाते हुए बाकी तीनों अंगुलियां स्ट्रेट तनी होती हैं, सुखासन के लिए अपनी दोनों हथेलियों से वही 'बेस्ट' की मुद्रा बनाएं. बैठे-बैठे इसी मुद्रा में अपने हाथ को घुटने पर रखें. ध्यान रखें कि मुद्रा बने हुए ही हथेलियां बाहर की ओर दिखें. इस आसन में हाथ की मुद्रा सबसे जरूरी होती है. यह आसन आपकी ब्रेन पावर भी बढ़ाता है.
दंडासन
दंडासन करने से शरीर का पोस्चर सही होता है. रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और इसमें पर्याप्त लचीलापन आता है. दंडासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर बैठ जाएं. अपने दोनों पांव आपस में चिपकाते हुए चेहरे की दिशा में स्ट्रेट खोल दें. ध्यान रहें दोनों पैरों की उगलियां आपकी ओर खिंची रहेंगी. दोनों हाथों को सीधे और हथेलियों को जमीन पर कूल्हे के पास रखें. अपनी रीढ़ की हड्डी और गर्दन एक सीध में रखें. हाथ दोनों बगल से झूलती हुई उस सरफेस तक आएगा जिस पर आप बैठे हों. हथेलियां इस सरफेस पर वैसे ही रहेंगी जैसे खड़े होने पर आपके पांव के पंजे जमीन पर होते हैं. कम से कम बीस सेंकेंड तक करने के बाद सामान्य अवस्था में आएं.
एक पादासन
एक पादासन के कई फायदे हैं. इससे हम स्वस्थ भी रहते हैं और यह तनाव घटाने का भी काम करता है. इस योग से आलस दूर होता है और शरीर फुर्तीला बनता है. अगर इस आसन की प्रैक्टिस रोज करते हैं तो इससे आपका एंगर मैनेजमेंट भी स्ट्रॉन्ग होगा. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. प्रणाम की मुद्रा बनाएं. कंधे से लेकर कुहनी तक आपका हाथ स्ट्रेट रहेगा, फिर केहुनी के पास से दोनों हाथ मुड़कर छाती के पास आएंगे और हथेलियां आपस में जुड़कर प्रणाम की मुद्रा बनाएंगी. इसके बाद आप अपने एक पांव को मोड़ते हुए उसके तलवे को दूसरे पांव की जांघ (थाई) पर रखें. इस मुड़े पांव का अंगूठा आपके दूसरे पांव के घुटने से थोड़ा ऊपर रहेगा. इस क्रिया को दोनों पांवों से बारी-बारी चार से पांच बार दोहराएं.
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भुजंगासन
शरीर में लोच पैदा करने और पेट की चर्बी घटाने में यह आसन बहुत मददगार है. भुजंग का मतलब होता है सांप. तो यह आसन कुछ वैसा ही दिखता है जेसे जमीन पर लेटा हुआ सांप अपना सिर उठाए. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. इसके बाद दोनों हथेली अपने कंधे के पास रखें. दोनों पैर चिपके और तने रहेंगे. उनके बीच कोई गैप नहीं होगा. इसके बाद सांस लें और शरीर के अगले भाग को हथेली के सपोर्ट से ऊपर की ओर उठाएं. इस बात का ख्याल रहे की कमर पर ज्यादा खिंचाव न आए. कुछ सेकंड्स इसी पोजिशन में बने रहें. फिर गहरी सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं.
(Disclaimer: इन योगासनों को आजमाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें.)
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