डीएनए हिंदी : बदले हुए लाइफ स्टाइल ने कई समस्याएं पैदा की हैं. कई ऐसे रोग जिनका शिकार कम लोग हुआ करते थे, अब आम हो चले हैं. हाई ब्लड प्रेशर ऐसी ही बीमारी है. पहले यह बीमारी एक खास उम्र के बाद किसी किसी को ही हुआ करती थी. पर अब तो यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है.
इस हाई ब्लडप्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाने लगा है. दरअसल इस बीमारी का पता तब तक नहीं चल पाता जब तक यह शरीर की धमनियों तो नुकसान न पहुंचा दे. हाई बीपी से हृदय रोग जैसे स्ट्रोक, हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. इससे किडनी की समस्या और डायबिटीज जैसी बड़ी बीमारियां भी घर करती हैं
सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 से कम होता है, 120 सिस्टोलिक प्रेशर बताता है. ध्यान रहे कि धड़कते दिल की धमनियों की दीवारों के खिलाफ रक्त का प्रेशर बताता है सिस्टोलिक प्रेशर. दिल की धड़कन के बीच का दबाव बताता है 80 डायस्टोलिक प्रेशर. 120/80 से अधिक कुछ भी प्रीहाइपरटेंसिव माना जाता है और हाई ब्लड प्रेशर 140/90 से शुरू होता है. 139/89 से शुरू होने वाले ब्लड प्रेशर के लिए दवाएं दी जाती हैं.
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नियमित व्यायाम करें : सप्ताह में पांच दिन 30 से 60 मिनट तक जरूर व्यायाम करना चाहिए इससे ब्डप्रेशर कंट्रोल में मदद मिलेगी. व्यायाम के प्रभाव शरीर पर जल्दी दिखने लगते हैं. यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो शरीर की एक्टिविटी बढ़ाने से कुछ ही हफ्तों के बाद ब्लड प्रेशर कम होना शुरू हो सकता है. यदि आपने कभी व्यायाम नहीं किया है तो इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत हो सकती है.
हेल्दी डाइट हेल्दी शरीर का राज है. डाइट में ताजा सब्जियां और फल, नट्स और दालें जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं. पोल्ट्री, मछली और कम वसा वाले मांस से भरपूर और कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार भी वजन घटाने में मदद कर सकता है. शराब का सेवन बंद करें. वजन घटाने से ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद मिल सकती है.
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और आपका वजन ज्यादा है. तो तुरंत इस वजन को कंट्रोल करें. वजन कंट्रोल करके बीपी भी कंट्रोल किया जा सकता है. अपने टमी एरिया के वजन को कम करना ज्यादा जरूरी है. पेट की चर्बी अधिक बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें.)