क्या यह मुमकिन है कि कोई शख्स अपने बढ़े हुए नाखून की वजह से बहरा हो जाए? अगर आपका जवाब 'ना' है, तो आइए मिलवाते हैं आपको उस शख्स से जो इस परेशानी का शिकार हुए. इतना ही नहीं वे अपने उस हाथ से लाचार भी हो गए जिनके नाखून बढ़े हुए थे.
इस शख्स का नाम है श्रीधर चिल्लाल. साल 1937 के जनवरी महीने की 29 तारीख को इनका जन्म पुणे में हुआ था. इनके बाएं हाथ के सारे नाखूनों की कुल लंबाई 909.6 सेंटीमीटर (358.1 इंच) थी. यानी तीमंजिला इमारत के बराबर. चिल्लाल के अंगूठे का नाखून सबसे लंबा था. इसकी लंबाई 197.8 सेंटीमीटर (77.87 इंच) थी. दरअसल, चिल्लाल ने 1952 से अपने बाएं हाथ के नाखून काटने बंद कर दिए थे. इनके नाखूनों की लंबाई ने इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया था.
लेकिन रिकॉर्ड तोड़ने वाले नाखूनों ने चिल्लाल को अपाहिज कर दिया. नाखूनों के वजन के कारण उनकी उंगलियां विकृत हो गईं, बाएं हाथ ने काम करना बंद कर दिया. नाखूनों के वजन से उनके बाएं हाथ की नसें क्षतिग्रस्त हो गईं और उनके बाएं कान में बहरापन आ गया.
आखिरकार आज से ठीक 7 बरस पहले 11 जुलाई 2018 को चिल्लाल ने न्यूयॉर्क शहर के 'रिप्ले बिलीव इट ऑर नॉट!' संग्रहालय में एक पावर कटर से अपने नाखून कटवाए. उनके ये नाखून 66 बरस से उनकी अंगुलियों में बढ़ रहे थे. अब उनके तीन नाखून नीदरलैंड के एम्स्टर्डम स्थित संग्रहालय में सुरक्षित रखे हैं.
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