रात को देरी से सोने की आदत इन गंभीर बीमारियों को देती है न्यौता, बढ़ जाता है 5 बीमारियों का खतरा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 14, 2023, 01:03 PM IST

रात को 12 से 1 बजे के बीच सोने से अच्छी गुणवत्ता की नींद नहीं आ पाती है. स्लीप साइकल गड़बड़ाने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

डीएनए हिंदी: रात को जल्दी से सोना और सुबह जागना सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है. यह बात सभी लोग जानते हैं, लेकिन आज के समय में बदलते लाइफस्टाइल (Lifestyle) के बीच देरी से सोने सा सोना हमारे लिए कितना घातक है. इसकी जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं है, जिन लोगों को देरी से सोने की आदत होती है. उन्हें यह कई घातक बीमारियों को न्यौता देने जैसा है. इसका दावा कई रिसर्च में भी किया गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का दावा है कि नींद की गुणवत्ता के साथ इसकी अवधि को भी ध्यान में रखना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर इसका आपके काम से लेकर शरीर पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है. अगर आपको भी देरी से सोने की आदत है तो इन 5 बीमारियों का खतरा हो सकता है, जो आपके जीवन पर भारी पड़ सकती हैं आइए जानते हैं देरी सोने के क्या हैं नुकसान और किन बीमारियों का है खतरा.  

हाई ब्लड प्रेशर

देर से सोने की वजह से आपकी स्लीप साइकल बिगड़ जाती है. इससे आपकी नींद सही पूरी नहीं हो पाती है, जिसके चलते हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हो सकते है. हेल्थ पर की गई रिसर्च में यह सामने आया कि देर से सोने वालों में हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. इसकी वजह देरी से सोने के चलते मेटाबॉलिज्म चक्र का गड़बड़ाना है. इसी की वजह से हाई ब्लड प्रेशर जैसी आपको घेर सकती है. 

वजन बढ़ने की समस्या

देर रात तक सोने की वजह से आपका आहार चक्र गड़बड़ा जाता है. रात को देरी से सोने की वजह से अक्सर देरी से ही आंख खुलती है. इस पर सुबह का नाश्ता भी छूट जाता है. यह आदत शरीर को प्रभावित करती है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है.  

हार्ट पर भी पड़ता है असर

रात को देरी से सोने और सुबह जल्दी उठने की वजह से कई बार नींद पूरी नहीं होती है. लगातार ऐसा होने पर इसका असर आपके दिल पर भी पड़ता है. कम नींद से हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती है. 

डिप्रेशन को हो सकते हैं शिकार 

रात को बहुत देरी से सोने वालों में तनाव और एंग्जाइटी की समस्या होने लगती है. सही समय और सही नींद न आने की वजह से नर्वस​ सिस्टम में दिक्कत हो सकती है, जिससे तनाव बढ़ने के साथ ही​ डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं.  

डायबिटीज का भी रहता है खतरा

कम नींद लेने वाले या फिर रात को 12 से 1 बजे के बीच सोने वालों में डायबिटीज का खतरा होने की संभावना बनी रहती है. वहीं डायबिटीज के मरीजों के लिए और भी ज्यादा नुकसानदायक है. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और 7 से 8 घंटों से भी कम की नींद ले रहे हैं तो आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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