Milk Contains Alcohol: विस्की-बियर से भी ज्यादा नशा है इस जानवर के दूध में, पीते ही हो सकते हैं टुन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 25, 2023, 05:39 PM IST

विस्की-बियर से भी ज्यादा नशा है इस जानवर के दूध में, पीते ही हो सकते हैं टुन

Milk Contains Alcohol: गाय, भैंस या बकरी के दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और विटामिंस पाए जाते हैं. लेकिन एक जानवर ऐसा भी है, जिसका दूध पीने से व्हिस्‍की, बीयर या वाइन से ज्‍यादा नशा होता है. 

डीएनए हिंदी: Milk Contains High Amount Of Alcohol भारतीय घरों में दूध की एक खास जगह है. बड़े हों या छोटे बच्चे सभी को रोजाना एक गिलास दूध पीने की की सलाह दी जाती है. ज्यादातर घरों में गाय या भैंस के दूध का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, कई बार कुछ बीमारियों में बकरी का दूध भी पीने की सलाह दी जाती है. क्योंकि गाय, भैंस या बकरी के दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और विटामिंस पाए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, एक ऐसा भी जानवर है, जिसके दूध में किसी भी व्हिस्‍की, बीयर या वाइन से ज्‍यादा अल्‍कोहल होता है. 

शायद आप इस बात पर यकीन न करें, लेकिन यह सच है कि इस जानवर का दूध पीने से भयंकर नशा होता है. आइए जानते हैं ऐसा कौन सा जानवर है जिसके दूध में शराब पीने जैसा नशा होता है. 

मादा हाथी के दूध में होता है शराब जैसा नशा

दरअसल हम बात कर रहे हैं हथिनी यानी मादा हाथी की, हथिनी के दूध में 60 फीसदी तक अल्कोहल पाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हाथी गन्‍ना खाना बहुत ही ज्‍यादा पसंद करते हैं. वहीं, गन्‍ने में अल्कोहल बनाने वाले तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. इसीलिए हथिनी के दूध में अल्कोहल की मात्रा मिलती है. लेकिन हथिनी का दूध इंसानों के पीने लायक नहीं होता है.

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इंसानों के लिए खतरनाक है मादा हाथी का दूध

शोधकर्ताओं के मुताबिक, हथिनी के दूध में पाए जाने वाले केमिकल इंसानों के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इसके अलावा हथिनी के दूध को 62 फीसदी अल्कोहल से डिस्टैबिलाइज्ड किया जा सकता है. मादा हाथी के दूध की बीटा-कैसीन खूबी कैसीन मिशेल को मेनटेन कर सकती है. हालांकि, पहले यह केवल के-कैसीन से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा डेयरी पशुओं में दूध का ओलिगोसैकराइड कंटेंट कम होता है. वहीं, इंसान और हाथी के दूध में इसकी मात्रा बहुत अधिक होती है.

हथिनी के दूध में लैक्‍टोस का स्‍तर होता है ज्‍यादा

हाथी को धरती का सबसे संवेदनशील और मनुष्य से ज्यादा समझदार और बुद्धिमान प्राणी भी माना जाता है. अफ्रीकी हाथिनी के दूध में लैक्टोस और ओलिगोसैकेराइड्स का स्तर बहुत अधिक होता है. ये हथिनी की स्तन ग्रंथि में अल्फा-एलए कंटेंट से जुड़ा हुआ होता है. वहीं, काफी हद तक इसका संबंध स्पेशलाइज्ड कार्बोहाइड्रेट सिंथेसिस से जुड़ा है जहां प्रोटीन अल्फा-एलए की भूमिका में होते हैं. 

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12 से 18 घंटे तक खाता रहता है हाथी

दुनियाभर में हाथी की तीन प्रजातियां पाई जाती हैं, इनमें अफ्रीकी सवाना हाथी, और अफ्रीकी वन हाथी के अलावा एशियाई हाथी शामिल हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, करीब पांच करोड़ साल पहले धरती पर हाथियों की 170 प्रजातियां पाई जाती थीं यौर अब हाथी की महज दो प्रजातियां ही धरती पर बची हैं. जिसमें एलिफ्स और लॉक्सोडॉन्‍टा शामिल हैं. वहीं एक सामान्‍य हाथी को हर दिन करीब 150 किलोग्राम भोजन की जरूरत पड़ती है. इसीलिए हाथी हर दिन घास पौधे और फल खाने में ही 12 से 18 घंटे बिता देते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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