Kargil Vijay Diwas: "जब यह खत आपको मिलेगा, मैं ऊपर आसमान में अप्सराओं के पास रहूंगा" - विजयंत थापर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 27, 2022, 12:10 AM IST

Kargil Vijay Diwas : "मुझे कोई पछतावा नहीं है; शायद मैं फिर से इंसान बना तो फ़ौज में ही जाऊंगा और अपने देश के लिए लडूंगा. " करगिल हीरो Vijayant Thapar अपने आखिरी खत में.

डीएनए हिंदी : आज करगिल विजय दिवस की तेइसवीं वर्षगांठ है. इन तेइस सालों में जाने कितनी बार कितनी याद उन शूर-वीरों की आती रही है जो हमारी इस आज की ख़ातिर तब असमय ही विदा हो गए. करगिल युद्ध भारतीय पराक्रम की पराकाष्ठा का वह उदाहरण था जिसकी याद आते ही आंखें नम हो जाती हैं. अभी-अभी तो जवान हुए थे वे. सपनों की सपनीली दुनिया अभी खुलनी बाक़ी ही थी.

प्यार के क़िस्से अभी लिखे जाने ही थे कि देश की सीमाओं को सहेजे रखने का भार उनके कंधे पर आ गया और उसे सहेजने की कोशिश में उन्होंने अपनी जान दे दी. आधिकारिक सरकारी सूचना के मुताबिक़ कारगिल में 527 भारतीय सैनिकों की शहादत हुई थी. उन्हीने में एक कैप्टन विजयंत थापर भी थे. कर्नल वीरेंद्र नाथ थापर के इस तुरंत युवा हुए बेटे ने देश की ख़ातिर अपनी आहूति दे दी थी.  

आपको यह खत मिलेगा...

उनकी शहादत के लगभग 23 साल बीत चुके हैं. क्या आपने सोचा है, क्या लिखा होगा कैप्टन विजयंत थापर ने अपने परिवार को उस युद्ध में कूच करने से पहले? आइए पढ़ते हैं उनका वह आख़िरी खत जिसे पढ़कर मन गर्व और दुःख दोनों भावों से भर जाएगा...

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डियरेस्ट पापा, ममा, बर्डी एन्ड ग्रैनी 
1. जब तक आपको यह खत मिलेगा  मैं आप सबको ऊपर आसमान में अप्सराओं के बीच  बैठा निहारता रहूंगा. 
2. मुझे कोई पछतावा नहीं है; शायद मैं फिर से इंसान बना तो फ़ौज में ही जाऊंगा और अपने देश के लिए लडूंगा. 
3. अगर आपलोग आ सकते हैं तो आइए और देखिए कहां भारतीय सेना आपके कल के लिए लड़ रही है. 
4. जहां तक यूनिट की बात है, नए रंगरूटों को इस कुर्बानी के बारे में ज़रूर बताया जाए. उम्मीद है कि मेरी तस्वीर  अल्फा कंपनी के मंदिर में करनी माता के बगल में रखी जाएगी. 
5. जिस भी अंग का इस्तेमाल किया जा सकता है, किया जाना चाहिए.
6.   कुछ पैसे अनाथालय को दिए जाएं और रुखसाना को हर महीने 50 रूपये देते रहें और योगी बाबा से मिलें. 
7. बर्डी को बेस्ट ऑफ़ लक! कभी इन लोगों की कुर्बानी मत भूलना. पापा आप को गर्वित महसूस करना चाहिए. ममा आपको ...... से मिलना चाहिए. (मैंने उससे प्यार किया था) . ममाजी मुझे मेरी ग़लतियों के लिए माफ़ कर दीजिये. 
अच्छा! अब वक़्त आ गया है कि मैं अपनी बेरहम बारह की टुकड़ी के साथ जाऊं. मेरी इस असॉल्ट पार्टी में पूरे 12 लोग हैं. आप सबको शुभकामनाएं. 
लिव लाइफ किंग साइज़.
आपका अपना 
रॉबिन 

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